गंडक नदी की बाढ़ से वाल्मीकिनगर और आसपास के क्षेत्रों में तबाही
Valmikinagar बगहा नेपाल में बारिश रुकने के बाद भी गंडक बराज से पानी के डिस्चार्ज में कमी नहीं आई है, जिससे क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। वाल्मीकिनगर गंडक बराज से लगभग 2.60 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिसके परिणामस्वरूप गंडक नदी का पानी वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में भी घुस गया है। इससे रिवर पाथवे का 40 फीट हिस्सा ध्वस्त हो गया है और हिरण जैसे वन्य जीव रिहायशी इलाकों में पहुंच गए हैं।
Bihar Flood News चंपारण तटबंध, जो बेतिया से लेकर चखनी गांव तक फैला हुआ है, के ध्वस्त होने से लगभग चार पंचायतों और दो दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। इस तटबंध के टूटने से रतवाल, चंद्रपुर, भिराड़ी, पतीलार, लक्ष्मीपुर, सीतापार, चैनपुर, मौजा टोला सहित चार पंचायतों के गांवों में तेजी से पानी भर गया है, जिससे कृषि भूमि और घरों को भारी नुकसान हुआ है।
Embankment तटबंध के टूटने के बाद प्रशासन ने तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। नदी के किनारे स्थित गांवों को विशेष चेतावनी दी जा रही है और ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा जा रहा है।
ग्रामीणों का आरोप और बाढ़ का विस्तार
ग्रामीणों का कहना है कि तटबंध की मरम्मती और मजबूत करने के कार्यों में लापरवाही बरती गई थी, जिसके कारण यह तटबंध टूट गया। पहले भी तटबंध की कमजोर स्थिति को लेकर चेतावनी दी गई थी, लेकिन समय पर जरूरी कदम नहीं उठाए गए।
Valmikinagar में पर्यटकों के लिए बनाए गए रिवर पाथवे के ध्वस्त होने के अलावा, मधुबनी, ठकराहा, भितहां, पिपरासी, रामनगर समेत बगहा नगर के आधा दर्जन वार्ड में बाढ़ का पानी घुस गया है। सिकटा नदी के पानी से करीब 50 घर प्रभावित हुए हैं और ओरिया नदी का पश्चिमी सुरक्षा बांध भी कई जगहों पर ध्वस्त हो गया है।
बाढ़ से यातायात और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर प्रभाव
नरकटियागंज-भिखनाठोरी मुख्य पथ पर बना डायवर्सन प्रेमनगर के पास पानी के दबाव के कारण बह गया है। वाल्मीकिनगर हवाई अड्डा और SSB कैंप में भी बाढ़ का पानी घुस चुका है। पिपरासी में श्रीपतनगर Rail बांध पर पानी का दबाव बढ़ रहा है, जिससे लौरिया अशोक स्तंभ, रामजानकी मंदिर और छठ घाट में भी पानी भर गया है। यहाँ एक दर्जन से अधिक गांवों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से टूट चुका है।
बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है और प्रशासन की राहत और बचाव कार्य जारी हैं। ग्रामीणों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है। सरकार और प्रशासन को तटबंध की मरम्मत और मजबूत बनाने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति न उत्पन्न हो।