बात समाज की :- जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम में रविवार को हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में अब तक 27 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें बड़ी संख्या में पर्यटक और स्थानीय नागरिक शामिल हैं। दो दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हैं और उन्हें अनंतनाग और श्रीनगर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
हमले की वारदात
हमला उस वक्त हुआ जब सैकड़ों पर्यटक पहलगाम के सुरम्य वादियों का आनंद ले रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दोपहर करीब 3 बजे अचानक एक भीड़भाड़ वाले इलाके में फायरिंग शुरू हुई। आतंकियों ने अंधाधुंध गोलियां बरसाईं और कुछ जगहों पर ग्रेनेड भी फेंके। इस हमले में कई गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचा है। घटनास्थल पर मची भगदड़ के चलते कई लोग घायल हुए।
अब तक का सबसे बड़ा हमला
कश्मीर में पिछले ढाई दशक में यह पर्यटकों को निशाना बनाकर किया गया सबसे बड़ा आतंकी हमला है। इससे पहले साल 2000 में अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकियों ने श्रद्धालुओं पर हमला किया था, जिसमें 25 से ज्यादा लोग मारे गए थे। लेकिन हालिया हमला उससे भी ज्यादा भयावह बताया जा रहा है।
सुरक्षा बलों की कार्रवाई
हमले के तुरंत बाद सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया और आतंकियों की तलाश में बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया। खबरों के मुताबिक, हमले में शामिल 4 से 5 आतंकियों की पहचान हो चुकी है और उन्हें घेरने की कोशिश की जा रही है। जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और CRPF के संयुक्त दस्ते इस अभियान में लगे हैं।
अंतरराष्ट्रीय नजरें और अमेरिकी उपराष्ट्रपति की यात्रा
यह हमला ऐसे वक्त में हुआ है जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत दौरे पर हैं। वे इसी सप्ताह भारत और अमेरिका के संबंधों पर चर्चा के लिए नई दिल्ली में मौजूद हैं। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि यह हमला भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को धूमिल करने की कोशिश भी हो सकती है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए ट्वीट किया, “यह मानवता के खिलाफ अपराध है। शहीदों को श्रद्धांजलि और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूँ। दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा।”
गृहमंत्री अमित शाह ने स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की मुआवज़े और घायलों को हर संभव सहायता देने की घोषणा की है।
आतंक पर फिर से चिंता
यह हमला घाटी में शांति की कोशिशों पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। पिछले कुछ वर्षों में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई थी और घाटी की अर्थव्यवस्था को इससे उम्मीद की किरण मिली थी, लेकिन अब सुरक्षा को लेकर एक बार फिर चिंताएं बढ़ गई हैं।
अगर आप चाहें तो मैं इस रिपोर्ट का विश्लेषणात्मक संस्करण, शहीदों की सूची, या स्थानीय प्रतिक्रियाओं पर आधारित फॉलोअप रिपोर्ट भी तैयार कर सकता हूँ।