Monday, December 23, 2024
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Flood News बिहार में बाढ़ से हाल बेहाल, टूट सकता है 56 साल का रिकॉर्ड

कोसी, गंडक, बागमती, कमला बलान और गंगा नदी में उफान को देखते हुए बिहार के पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सीवान, सारण, वैशाली, पटना, जहानाबाद, मधुबनी और भोजपुर के लिए अलर्ट जारी किया गया है.

  • नेपाल की बारिश से आई तबाही
  • नेपाल ने कोसी बराज से आवाजाही पर लगाई रोक
  •  कोसी बराज के सभी फाटक खोले गए

Nepal में हो रही लगातार भारी बारिश से बिहार में नदियों का जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया है, जिससे कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, लोग अपने ही घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं सबसे ज्यादा परेशानी छोटे-छोटे बच्चे और पशुओं की है |

कोसी नदी का पानी जिन इलाकों में प्रवेश कर चुका है, वहां से लोगों का पलायन शुरू हो गया है। लोग सुरक्षित स्थानों की ओर जाने लगे हैं। प्रशासन लगातार अपील कर रही है कि तटबंध के अंदर के इलाके से लोग सुरक्षित जगह पर चले जाएं।

भारत-नेपाल सीमा पर स्थित जोगबनी रेलवे स्टेशन और रेलवे ट्रैक पर पानी आने के कारण कटिहार-जोगबनी और दरभंगा-सहरसा-जोगबनी रेलखंड पर चलने वाली सभी ट्रेनों का परिचालन अब फारबिसगंज रेलवे स्टेशन से ही होगा। जोगबनी स्टेशन पर सभी ट्रेनों का परिचालन रोक दिया गया है और फारबिसगंज रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या एक पर हेल्प डेस्क बनाकर यात्रियों को हो रही असुविधाओं के बारे में जानकारी दी जा रही है|

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Koshi Barrage के सभी 56 फाटक खोल दिए गए हैं, जिससे 5.57 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। यह मात्रा 1968 के रिकॉर्ड 9,13,000 क्यूसेक के करीब है, जिससे तटबंध के अंदर बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने का आदेश दिया गया है।

कोसी नदी में अब तक का सर्वाधिक प्रवाह 9.13 लाख क्यूसेक 5 अक्टूबर, 1968 को दर्ज किया गया था। यह उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008 में कुसहा में तटबंध मात्र 1.44 लाख क्यूसेक के प्रवाह पर ही टूट गया था, जिससे भारी तबाही हुई थी।

वाल्मीकिनगर बराज से भी भारी जलस्राव

वाल्मीकिनगर बराज के सभी 36 फाटक खोलकर 4.74 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे पश्चिम चंपारण के दो दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है।

नेपाल प्रशासन ने अत्यधिक जलस्राव को देखते हुए कोसी बराज होकर आवाजाही पर रोक लगा दी है। पश्चिमी चंपारण के गौनाहा प्रखंड के 200 गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है।

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 मधुबनी और सुपौल में स्थिति विकट

Madhubani में कोसी बराज से छोड़े गए 5.49 लाख क्यूसेक पानी से कई इलाकों में पानी घुस गया है। सुपौल में सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड के ढोली गांव में बांध टूटने से कई घरों में पानी प्रवेश कर चुका है।

शिवहर में बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। सीतामढ़ी में भी कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। अररिया के NH-327(E) पर कनकई नदी का पानी एक से डेढ़ फीट तक बह रहा है। गोपालगंज में भी हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।

प्रशासन ने सभी प्रभावित इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है और लोगों से सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने की अपील की है। अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और स्थिति पर पूरी निगरानी बरती जा रही है।

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