Monday, October 7, 2024
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देश को शर्मसार कर दिया उड़ीसा की घटना ने, 5 सस्पेंड

 भारत एक ऐसा देश है जहां पर घटना के बाद जाति देखी जाती है उसके बाद धर्म देखा जाता है उसके बाद क्षेत्र देखा जाता है तब उस पीड़ित व्यक्ति की आवाज प्रशासन के कानों में जाती है | अगर आरोपी इनके जाति से निकल गया इनके धर्म से निकल गया तो यह यह चु नहीं बोलते | हम बात कर रहे हैं उस उड़ीसा की घटना की, आर्मी ऑफिसर की बेटी और आर्मी ऑफिसर की मंगेतर के साथ, थाने के अंदर थाना के सर्किल अफसर  के द्वारा यौन उत्पीड़न किया गया,  उसकी ब्रेस्ट दवाई गई,  उस ऑफिसर ने उसे महिला का पेंट खोला और अपना नग्न अंग दिखाने लगा |

आरोपी सिर्फ आरोपी है वह किसी जाति या  धर्म का नहीं हैं | अगर यही घटना दूसरे धर्म के आरोपी ने किया होता तो अब तक मेन स्ट्रीम मीडिया  और हिंदू संगठनों ने देश में बवाल मचा दिया होता,  लेकिन वह चुप है क्योंकि आरोपी उनके अपने हैं | वह इसलिए भी चुप हैं कि उनके अपने सरकार हैं, अगर वहां गैर भाजपा सरकार होता तो आप देखते  देश में क्या कुछ हों रहा होता, लेकिन हो कहां रहा है कुछ  सब मौन है |

National News पुलिस ने आर्मी ऑफिसर की मंगेतर को कथित बदतमीजी के आरोप में एक महिला को 15 सितंबर के रात गिरफ्तार किया, और जेल भेज दिया जबकि मामला ठीक इसके उलट था वह महिला 19 सितंबर को हाईकोर्ट से जमानत के बाद उसने सारी बाते मिडिया के सामने आकर बताई |

Odisha के भुवनेश्वर स्थित भरतपुर पुलिस स्टेशन में एक महिला ने  रोड रेज की शिकायत दर्ज करवाने गई थी। तभी उसके साथ यौन उत्पीड़न किया तथा उसके मंगेतर के साथ मारपीट  की घटना सामने आया है।

थाने में पुलिसकर्मियों द्वारा Army Officer  के साथ  पहले बदसलूकी की गई, फिर उनको  लॉकअप में बंद कर दिया। ज़ब इसका विरोध इनके मंगेतर के द्वारा किया गया तो  उनके साथ भी मारपीट किया गया और हाथ-पैर बांध दिए।

पीड़ित के अनुसार , एक पुरुष अधिकारी ने उनके अंडरगार्मेंट उतारे। फिर छाती पर लातें मारीं। थाने में जब इंस्पेक्टर-इन-चार्ज पहुंचा तो उसने पीड़ित की पैंट नीचे कर अपना प्राइवेट पार्ट दिखाया और अश्लील बातें कीं।

 जांच रिपोर्ट में खुलासा हुवा हैं की उस महिला के साथ शारीरिक उत्पीड़न हुई है, AIIMS में इलाज कराया गया, जिसके बाद उन्होंने ये खुलासा किया।

पीड़िता के आरोपों के बाद DG वाईबी खुरानिया के आदेश पर   चांदका थाने में शिकायत दर्ज की गई। उन्होंने क्राइम ब्रांच को जांच के आदेश दिए, जिसके बाद भरतपुर के इंस्पेक्टर इंचार्ज समेत 5 पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड किया गया।

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भरतपुर पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर-इन-चार्ज (ICC) दिनकृष्ण मिश्रा 

भरतपुर पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर-इन-चार्ज (ICC) दिनकृष्ण मिश्रा

 

घटना 15 सितंबर की हैं ज़ब महिला अपना  अपना रेस्टोरेंट बंद करके आर्मी ऑफिसर के साथ घर लौट रही थी तो रास्ते में कुछ युवकों ने उनका रास्ता रोकने की कोशिश की और छेड़छाड़ करने लगे इसी की शिकायत करने और मदद मांगने के लिए  थाने पहुंचे, उसको क्या पत्ता था यहाँ भी उससे ज्यादा दरिंद्र  वर्दी के रूप में बैठे हैं |

भरतपुर थाने में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की तो वहां   एक महिला पुलिसकर्मी उनसे गाली-गलौज करने लगी। थोड़ी देर एक पेट्रोलिंग गाड़ी से कुछ और पुलिसकर्मी थाने पहुंचे। उन्होंने आर्मी ऑफिसर को लॉकअप में बंद कर दिया।

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जब उस महिला ने कहा कि वे आर्मी ऑफिसर को हिरासत में नहीं रख सकते, यह गैरकानूनी है, तो दो महिला पुलिसकर्मियों ने उसके बाल पकड़ लिए जोर-जोर से मारने लगीं। एक महिला पुलिसकर्मी ने मेरी गर्दन पकड़ने की कोशिश की तो मैंने उसने उसका हाथ पर काट लिया। किसी तरह उसका हाथ महिला पुलिसकर्मियों ने बांध दिए। एक लेडी कॉन्स्टेबल के स्कार्फ से  पैर बांध दिए। थोड़ी देर बाद एक मेल ऑफिसर आया। उसने उसका अंडरगार्मेंट उतार दिए और छाती पर लातें मारने लगा।

सुबह करीब 6 बजे इंस्पेक्टर-इन-चार्ज आया। उसने उसकी पैंट नीचे कर दी। फिर अपनी पैंट नीचे की और प्राइवेट पार्ट दिखाकर अश्लील बातें की। वह इस दौरान मदद के लिए जोर-जोर से चिल्ला रही थी।

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आर्मी ऑफिसर बोले- 4 पुलिसवालों ने मुझे घसीटा, पेंट खोली आर्मी ऑफिसर ने बताया कि थाने में शिकायत दर्ज कराने के दौरान- अचानक चार पुलिस अधिकारियों ने मुझे पकड़ा। चारों ने मुझे घसीटते हुए एक सेल में ले गए। वहां उन्होंने मेरी पैंट उतारी। मेरा सारा सामान ले लिया। मुझे सुबह 3 बजे अवैध रूप से सेल के अंदर बंद रखा। इस बीच लॉबी में दो महिला पुलिस अधिकारियों ने मेरी मंगेतर के साथ मारपीट की।

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सुबह 6 बजे, जब मेरी मंगेतर ने पुलिस अधिकारियों से गिरफ्तारी वारंट की मांग की, तो उसे एक कमरे में घसीटा गया और SI प्रभारी सहित चार पुरुष और तीन महिला पुलिस अधिकारियों ने उसके कपड़े उतार दिए और उसके साथ मारपीट की। मैं 30 मिनट तक चीखें सुनता रहा। इसके बाद, मेरी मंगेतर को बदतमीजी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस बोली- आर्मी ऑफिसर और उनकी मंगेतर नशे में थी भरतपुर पुलिस ने बताया कि आर्मी ऑफिसर और उनकी मंगेतर नशे में थे। उन्होंने 15 सितंबर की रात भरतपुर पुलिस स्टेशन पहुंचकर तोड़फोड़ की। कंप्यूटर और फर्नीचर को तोड़ा। ऑन-ड्यूटी अफसरों से मारपीट भी की। इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया था।

पूर्व आर्मी चीफ बोले- थाने में जो हुआ, वह शर्मनाक  उन्होंने अपने X पर पोस्ट लिखा- सभी को पीड़ित (आर्मी ऑफिसर की मंगेतर) की बात सुननी चाहिए। वह रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर की बेटी है। ओडिशा के थाने में उनके साथ जो हुआ, वह शर्मनाक है। आरोपी पुलिसकर्मियों पर तुरंत एक्शन होना चाहिए।

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महिला आयोग ने संज्ञान लिया राष्ट्रीय महिला आयोग ने मामले को लेकर संज्ञान लिया है। आयोग ने ओडिशा के DGP को एक पत्र लिखकर 3 दिनों के अंदर एक्शन रिपोर्ट मांगी है। साथ ही कहा कि मामले की तत्काल कार्रवाई की जाए। इसमें देरी न हो।

मेडिकल जांच में पीड़ित के साथ शारीरिक उत्पीड़न की पुष्टि पीड़ित महिला का फिलहाल AIIMS-भुवनेश्वर में इलाज चल रहा है। मेडिकल जांच में उसके साथ शारीरिक उत्पीड़न की पुष्टि हुई है। डॉयरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस वाईबी खुरानिया ने क्राइम ब्रांच को मामले की जांच सौंपी है।

ओडिशा पुलिस ने बताया कि मामले के आरोपी भरतपुर पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर-इन-चार्ज (ICC) दिनकृष्ण मिश्रा, सब-इंस्पेक्टर बैसालिनी पांडा, असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर्स सलिलामयी साहू और सागरिका रथ और कांस्टेबल बलराम हांडा को सस्पेंड किया गया है।

पीड़ित महिला के पिता बोले- पुलिसवालों की गिरफ्तारी हो पीड़ित महिला के ब्रिगेडियर पिता ने कहा- पुलिस ने मेरी बेटी का यौन उत्पीड़न करके कई कानूनों का उल्लंघन किया है। आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी होनी चाहिए। राज्य सरकार को महिलाओं के साथ संवेदनशील होकर काम करना चाहिए। राज्य सरकार आरोपी पुलिसवालों को सजा देकर एक उदाहरण पेश करे।

पूर्व चीफ सेकेटरी का सवाल- महिला से मारपीट का अधिकार पुलिस को किसने दिया? बिजय कुमार पटनायक ने भरतपुर थाना प्रभारी निरीक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। पुलिस को किसी लड़की को पीटने का अधिकार किसने दिया। रात में अगर पुलिस गश्त नहीं कर रही है, तो सरकार क्या कर रही है। विभिन्न योजनाओं पर इतना पैसा खर्च किया जा रहा है, आखिर क्यों? महिला सशक्तीकरण को लेकर अगर कदम उठाए जा रहे हैं, तो फिर वे असुरक्षित क्यों हैं?

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