Monday, December 23, 2024
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पुल का ढहने का सिलसिला चालू हैं, सिवान में तड़के सुबह गिरा पुल

बरसात अभी आई नहीं की पुलों का ये हाल हैं |

बात समाज की :- बिहार में पुलों के लगातार ढहने की घटनाएं सरकार और प्रशासन की कार्यक्षमता पर गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं। हाल ही में सिवान जिले के महाराजगंज अनुमंडल में गंडक नहर पर बना 30 फीट लंबा पुल ढह गया। इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों को मुश्किल में डाला है, बल्कि पुलों की गुणवत्ता और रखरखाव के प्रति प्रशासन की उदासीनता को भी उजागर किया है।

यह पुल पटेढ़ा और गरौली गांव के बीच गंडक नहर पर स्थित था और स्थानीय लोगों द्वारा चंदा इकट्ठा करके 40-45 साल पहले बनाया गया था। स्थानीय लोगों के अनुसार, हाल ही में नहर की सफाई के दौरान नहर से निकाली गई मिट्टी को बांध पर डाल दिया गया था, जिससे पुल कमजोर हो गया और यह हादसा हुआ।

यह घटना सुबह 5 बजे हुई, जिसमें कोई हताहत नहीं हुआ। हालांकि, पुल ढहने के बाद आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया है, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

*RYA और AISA ने आरक्षण के मुद्दे पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।*

RYA और AISA ने आरक्षण के मुद्दे पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।

अररिया में घटना हाल ही में अररिया के सिकटी प्रखंड में बकरा नदी पर बना पुल भी ढह गया था। इस पुल के निर्माण में 12 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, लेकिन निर्माण कार्य पूरा होने से पहले ही यह पुल ढह गया।

नेपाल में आए तूफान के कारण यह पुल ढह गया था, जिससे पुल के तीन पिलर पूरी तरह नष्ट हो गए।

 पुल ढहने के बाद काफी समय बीत जाने के बावजूद, विभाग का कोई अधिकारी घटना का जायजा लेने नहीं पहुंचा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बच्चों का स्कूल जाना और ग्रामीणों का एक गांव से दूसरे गांव जाना मुश्किल हो गया है।  स्थानीय निवासीयो , ने बताया कि नहर की सफाई के दौरान मिट्टी के कटाव के कारण पुल ढह गया है। उन्होंने प्रशासन से जल्द से जल्द व्यवस्था करने की मांग की है।

यूपी सरकार ने धांधली और पेपर लीक रोकने के लिए बनाये सख्त नियम

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बिहार में पुलों के ढहने की घटनाएं सरकार और प्रशासन की कार्यक्षमता पर गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं। पुलों की गुणवत्ता और रखरखाव के प्रति प्रशासन की उदासीनता और लापरवाही को गंभीरता से लेना आवश्यक है। यह घटनाएं न केवल लोगों के जीवन को प्रभावित करती हैं, बल्कि विकास कार्यों की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़ा करती हैं। प्रशासन को इन समस्याओं का

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