बात समाज की :- उत्तर प्रदेश सरकार ने पेपर लीक और धांधली को रोकने के लिए सख्त कदम उठाते हुए नई नीति जारी की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बनाई गई इस नीति के तहत कई महत्वपूर्ण नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन परीक्षा आयोजित करने के दौरान किया जाएगा। यहाँ उन 10 बड़े नियमों का विवरण दिया गया है:
1. परीक्षा केंद्रों का चयन परीक्षा केंद्रों का चयन डीएम की अध्यक्षता में बनी समिति द्वारा किया जाएगा। परीक्षा केंद्र बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और कोषागार से 10 किलोमीटर के अंदर होंगे और वहां जाने के लिए यातायात साधन की व्यवस्था होगी।
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2. प्राथमिकता के आधार पर केंद्रों का वर्गीकरण पहली श्रेणी में राजकीय इंटर कॉलेज, राजकीय डिग्री कॉलेज, केंद्रीय विश्वविद्यालय, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज शामिल होंगे। बी श्रेणी में ख्याति प्राप्त सुविधा संपन्न एडेड स्कूल और कॉलेज को केंद्र बनाया जाएगा। काली सूची में शामिल स्कूलों और कॉलेजों को केंद्र नहीं बनाया जाएगा।
3. प्रिंटिंग प्रेस की सुरक्षा प्रिंटिंग प्रेस का चयन गोपनीयता से किया जाएगा। प्रेस में स्मार्टफोन और कैमरा ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध होगा और प्रेस के चारों ओर सीसीटीवी कैमरा लगाए जाएंगे जिनकी रिकॉर्डिंग एक साल तक सुरक्षित रखी जाएगी।
4. परीक्षार्थियों की पहचान परीक्षा केंद्र पर स्कैन हस्ताक्षर और फोटो का मिलान किया जाएगा। परीक्षार्थियों का आधार कार्ड और बायोमेट्रिक से मिलान किया जाएगा।
5. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग परीक्षाओं के दौरान किया जाएगा। परीक्षार्थियों को गृह मंडल से अलग परीक्षा केंद्रों का आवंटन रैंडम आधार पर किया जाएगा।
6. प्रश्न पत्र सेट हर परीक्षा के लिए दो या इससे अधिक सेटों में प्रश्न पत्र तैयार किए जाएंगे। प्रत्येक सेट का पेपर अलग-अलग एजेंसियों के माध्यम से तैयार किया जाएगा और अलग-अलग छपवाया जाएगा।
7. परीक्षा से 5 घंटे पहले निर्णय परीक्षा से 5 घंटे पहले यह तय किया जाएगा कि किस सेट का पेपर परीक्षा में इस्तेमाल किया जाएगा।
8. कक्ष निरीक्षकों का आवंटन कक्ष निरीक्षकों के परीक्षा कक्ष का आवंटन परीक्षार्थियों के केंद्र पर प्रवेश से 30 मिनट पहले किया जाएगा।
9. परीक्षा केंद्र की सुविधाएँ परीक्षा केंद्र में बाउंड्री वॉल, पेयजल, शौचालय, बिजली और जनरेटर की व्यवस्था होनी चाहिए। सीसीटीवी भी चालू हालत में होना चाहिए।
10. परीक्षा केंद्र का अनुभव परीक्षा केंद्र को तीन साल का परीक्षा आयोजन का अनुभव होना चाहिए और वह शहर की आबादी के अंदर होना चाहिए।
इन सख्त नियमों का पालन करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार परीक्षा के दौरान होने वाली धांधली और पेपर लीक जैसी समस्याओं को रोकने का प्रयास कर रही है, जिससे परीक्षाओं की विश्वसनीयता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सके।