पटना जंक्शन पर अवैध वसूली के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए रेलवे पुलिस ने जीआरपी थाना अध्यक्ष समेत पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। यह कार्रवाई पश्चिम बंगाल के एक रेल यात्री से 50,000 रुपये की अवैध मांग के मामले में की गई है। सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल से मिले साक्ष्य के आधार पर यह निर्णय लिया गया।
घटना 1 अगस्त की है जब पश्चिम बंगाल के सोमनाथ नइया नामक यात्री पटना जंक्शन पर हावड़ा की ट्रेन पकड़ने के लिए इंतजार कर रहे थे। इस दौरान जीआरपी सिपाही कृष्ण कुमार ठाकुर ने उन्हें संदिग्ध बताकर थाने पर ले जाकर हाजत में बंद कर दिया। इसके बाद उनसे 50,000 रुपये की मांग की गई। यात्री ने अपनी शिकायत 4 अगस्त को रेलवे हेल्पलाइन नंबर 139 पर दर्ज कराई।
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शिकायत मिलने के बाद वरीय पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) प्रभाकर तिवारी को इस मामले की जांच सौंपी गई। जांच में सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों के आधार पर अवैध वसूली की पुष्टि हुई। इसके बाद रेल एसपी एएस ठाकुर ने तुरंत कार्रवाई करते हुए जीआरपी थाना अध्यक्ष पंकज कुमार समेत पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया।
सस्पेंड किए गए पुलिसकर्मियों में थाना अध्यक्ष पंकज कुमार के अलावा दारोगा राकेश कुमार, रामचंद्र राम, एएसआइ संजय कुमार, और सिपाही कृष्ण कुमार ठाकुर शामिल हैं। थानेदार पंकज कुमार को पद से हटा दिया गया है और उनकी जगह इंस्पेक्टर राजेश कुमार सिन्हा को पदभार सौंपा गया है।
इस मामले में पटना जंक्शन के मेस संचालक रवि को भी अभियुक्त बनाया गया है। फिलहाल, सभी अभियुक्तों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच जारी है|
यह घटना पटना जंक्शन पर जीआरपी की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है। रेल यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा की जिम्मेदारी जिन पर होती है, उन्हीं द्वारा अवैध वसूली की घटना निंदनीय है। इस मामले में की गई त्वरित कार्रवाई अन्य पुलिसकर्मियों के लिए एक सख्त संदेश है कि किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।