Bihar News पटना कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या के बाद पूरे देश में चिकित्सकों के बीच आक्रोश फैल गया है। बिहार में भी इस घटना को लेकर गुस्सा उबाल पर है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की बिहार इकाई ने इस घटना के विरोध में राज्य भर में 24 घंटे के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को ठप रखने का निर्णय लिया है। इस हड़ताल का असर शुक्रवार सुबह से देखने को मिलेगा, जिसमें ओपीडी सेवाएं और प्लांड सर्जरी सेवाएं पूरी तरह से प्रभावित होंगी, हालांकि इमरजेंसी सेवाएं जारी रहेंगी।
कोलकाता की घटना कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर के साथ रेप के बाद उसकी हत्या कर दी गई। इस घटना ने पूरे देश में चिकित्सक समुदाय को हिला कर रख दिया है। वहीं, बुधवार रात को इसी कॉलेज में आंदोलन कर रहे चिकित्सकों पर असामाजिक तत्वों ने हमला कर दिया, जिससे आक्रोश और बढ़ गया।
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आईएमए की प्रतिक्रिया आईएमए बिहार इकाई ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय बताया है। आईएमए ने ऐलान किया है कि बिहार के सभी अस्पतालों में शुक्रवार 16 अगस्त सुबह 6:00 बजे से शनिवार 17 अगस्त सुबह 6:00 बजे तक हड़ताल रहेगी। इस दौरान ओपीडी सेवाएं, प्लांड सर्जरी और अन्य चिकित्सा कार्य पूरी तरह बंद रहेंगे। केवल आकस्मिक सेवाएं जारी रहेंगी ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में मरीजों को इलाज मिल सके।
पीएमसीएच का विरोध इस घटना के विरोध में पटना मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल (पीएमसीएच) के जूनियर डॉक्टरों ने गुरुवार रात को कैंडल मार्च निकाला। उन्होंने ऐलान किया कि वे शुक्रवार से इमरजेंसी सेवाओं का भी बहिष्कार करेंगे। जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि बंगाल में चिकित्सकों के ऊपर हो रहे हमलों के बाद वे खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं, इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया है।
ओपीडी और सर्जरी सेवाएं बंद बिहार के सभी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में शुक्रवार को ओपीडी सेवाएं और प्लांड सर्जरी बंद रहेंगी। जिन मरीजों की सर्जरी निर्धारित थी, उन्हें अब अन्य दिन के लिए पुनः निर्धारित किया जाएगा। डॉक्टरों ने कहा कि वे सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं, और इसलिए इस हड़ताल के जरिए वे अपनी सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
कोलकाता में महिला डॉक्टर की हत्या ने देशभर में चिकित्सक समुदाय को हिलाकर रख दिया है। बिहार में भी इस घटना के विरोध में आईएमए ने 24 घंटे की हड़ताल का ऐलान किया है, जिससे प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर व्यापक असर पड़ने की संभावना है। डॉक्टरों ने स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होती, वे ऐसे ही विरोध जारी रखेंगे।