Bihar by-election: बिहार में चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के तहत प्रशांत किशोर के नेतृत्व वाली जनसुराज पार्टी ने अपने उम्मीदवारों को उतारा है। हालांकि, जनसुराज के “सही लोग, सही सोच और सामूहिक प्रयास से जनसुराज” के नारे के बावजूद, उनके द्वारा नामांकित प्रत्याशियों का आपराधिक रिकॉर्ड सवालों के घेरे में है। PK के उम्मीदवारों ने अपने हलफनामे में अपने अपराधी रिकॉर्ड का खुलासा किया है, जिससे पीके के चुनावी आदर्श पर संदेह खड़ा हो गया है।
बेलागंज से मोहम्मद अमजद
Jansuraj के बेलागंज प्रत्याशी मोहम्मद अमजद पर हत्या के प्रयास, रंगदारी, मारपीट, दंगा करने का षड्यंत्र, आपराधिक धमकी, और जबरन वसूली के मामले दर्ज हैं। उनकी शैक्षणिक योग्यता मैट्रिक तक सीमित है, जिससे जनसुराज के उम्मीदवार चयन की मंशा पर सवाल उठते हैं।
इमामगंज से जितेन्द्र पासवान
इमामगंज के उम्मीदवार जितेन्द्र पासवान, जिन्हें पीके ने डॉक्टर के रूप में पेश किया है, वास्तव में केवल इंटरमीडिएट तक पढ़े हैं और ग्रामीण चिकित्सक हैं। इसके बावजूद उन्हें शिशु रोग विशेषज्ञ के रूप में प्रचारित किया गया है। जितेन्द्र पर अपहरण, धोखाधड़ी, मारपीट और चोरी के मामले भी दर्ज हैं।
रामगढ़ से सुशील कुमार सिंह
रामगढ़ से सुशील कुमार सिंह पर भी हत्या की कोशिश, मारपीट, और चेक बाउंस का मामला दर्ज है। उनकी शैक्षिक योग्यता भी इंटरमीडिएट तक सीमित है, जो चुनाव में जनसुराज की पारदर्शिता के दावे को ठेस पहुंचाता है।
तरारी से किरण सिंह
तरारी से किरण सिंह एकमात्र प्रत्याशी हैं जिन पर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। हालांकि उनकी शिक्षा भी इंटरमीडिएट तक सीमित है, लेकिन उनकी स्वच्छ छवि उन्हें अन्य उम्मीदवारों से अलग बनाती है।
Prashant Kishor ने जनसुराज के नारे के तहत बिहार में बदलाव की उम्मीदें जताई हैं, लेकिन उनके प्रत्याशियों का अपराधिक रिकॉर्ड उनके आदर्शों के साथ मेल नहीं खाता। यह सवाल उठता है कि क्या जनसुराज की उम्मीदें पूरी हो पाएंगी जब उनके उम्मीदवार ही विवादों से घिरे हैं।