Monday, October 7, 2024
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रेलवे पुलिस का अमानवीय चेहरा उजागर: पोस्टमार्टम के बाद शवों को सोन नदी में फेंकने का मामला

रेलवे पुलिस की लापरवाही से दो लावारिस शव सोन नदी में फेंके गए: जांच शुरू

Bihar बिहार के रोहतास जिले में रेलवे पुलिस की लापरवाही और अमानवीय व्यवहार का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां दो लावारिस शवों को पोस्टमार्टम के बाद सोन नदी में फेंकने का आरोप रेलवे पुलिस पर लगा है। इस घटना ने स्थानीय प्रशासन और लोगों में हड़कंप मचा दिया है।

Rohtas रोहतास जिले के डेहरी में रेलवे पुल के नीचे सोन नदी में दो शव पाए गए हैं, जो प्लास्टिक में लिपटे हुए थे। जानकारी के मुताबिक, ये शव दो दिन पहले ही पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए थे। दोनों शवों का पोस्टमार्टम हो चुका था, लेकिन उन्हें रेलवे पुल से सोन नदी में फेंक दिया गया, जो रेलवे पुलिस की एक गंभीर लापरवाही को उजागर करता है।

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Dehri SP डेहरी के एएसपी शुभांक मिश्रा ने बताया कि इस मामले में रेलवे पुलिस पर लापरवाही का आरोप है। उन्होंने कहा, “यह रेलवे पुलिस की बड़ी लापरवाही है। Ded Body डेड बॉडी का डिस्पोजल किए बिना ही उसे Train ट्रेन से नीचे नदी में फेंक दिया गया। यह काफी गंभीर मामला है। इस मामले में जिस किसी ने भी लापरवाही बरती है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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पुलिस को सूचना मिली थी कि Dalmiya डालमिया नगर इलाके के मकराइन के पास सोन नदी में रेलवे पुल के नीचे पाया नंबर 87 के पास प्लास्टिक में लिपटे दो शव पड़े हैं। इस सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों शवों को नदी से बाहर निकाला। एफएसएल टीम की मौजूदगी में प्लास्टिक के रैपर को हटाया गया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि शवों का पहले से ही पोस्टमार्टम किया जा चुका था।

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प्रारंभिक जांच के अनुसार, एक शव एक अज्ञात भिखारी का है और दूसरा शव ट्रेन से कटकर मरे हुए एक लावारिस व्यक्ति का है। फिलहाल, दोनों शवों की पहचान नहीं हो पाई है। बिना सामाजिक प्रक्रिया अपनाए, शवों को इस तरह से नदी में फेंक दिया गया, जो कि कानून और मानवता के खिलाफ है।

इस घटना के सामने आने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। एएसपी शुभांक मिश्रा ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए उचित जांच की जाएगी और जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने रेलवे पुलिस की कार्यप्रणाली और लापरवाही को उजागर कर दिया है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

इस घटना की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई और स्थानीय लोगों में काफी गुस्सा है। लोगों का कहना है कि प्रशासन को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए।

यह घटना रेलवे पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करती है। जहां एक तरफ सुरक्षा और सेवा का दायित्व होता है, वहीं इस प्रकार की लापरवाही न केवल मानवता के खिलाफ है, बल्कि यह समाज में विश्वास की कमी को भी दर्शाती है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी सख्ती से कार्रवाई करता है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।

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