बिहार के राजद नेता सुनील सिंह को झटका: विधान परिषद की सदस्यता पर मंडराया खतरा
( Bihar News )बिहार की राजनीति में एक बड़ा बदलाव आया है, जिसमें राजद विधान पार्षद सुनील सिंह को बिस्कोमान के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। राबड़ी देवी के मुंहबोले भाई के रूप में प्रसिद्ध सुनील सिंह की विधान परिषद की सदस्यता भी खतरे में है। विधान परिषद की आचार समिति ने उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है, जिसमें कहा गया है कि वे लगातार सदन की चार बैठकों में अनुपस्थित रहे। पांचवीं बैठक में उपस्थित होने के बावजूद उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया।
सुनील सिंह पर आरोप है कि उन्होंने पिछले सत्र में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मिमिक्री की थी, जिससे सदन की गरिमा प्रभावित हुई। इस मामले की जांच विधान परिषद की आचार समिति को सौंपी गई थी, जिसने अपनी रिपोर्ट में सुनील सिंह को दोषी पाया है। समिति के अध्यक्ष ने विधान परिषद में रिपोर्ट पेश कर दी है और अब सभापति अवधेश नारायण सिंह शुक्रवार को इस पर अंतिम फैसला सुनाएंगे।
सुनील सिंह अपने बयानों के कारण अक्सर विवादों में रहते हैं। उनके सोशल मीडिया पोस्ट और मीडिया में दिए गए बयान कई बार पार्टी के लिए असहज स्थिति पैदा कर देते हैं। 2022 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सुनील सिंह के आवास और अन्य ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह कार्रवाई लालू यादव के परिवार पर रेलवे में नौकरी के बदले जमीन के मामले की जांच के हिस्से के रूप में की गई थी।
विधान परिषद में राजद के लिए दूसरी बड़ी क्षति
सुनील सिंह की सदस्यता समाप्त होने पर वे इस वर्ष राजद के दूसरे ऐसे सदस्य बन जाएंगे, जिनकी विधान परिषद की सदस्यता रद्द की गई है। इससे पहले रामबली सिंह की सदस्यता भी राजद की अनुशंसा पर समाप्त की गई थी। समिति ने सुनील सिंह के खिलाफ रिपोर्ट तैयार कर ली है और शुक्रवार को इसकी घोषणा की जाएगी।
समिति की सिफारिश
आचार समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि डॉ. सुनील कुमार सिंह ने सदन के सदस्य बने रहने की पात्रता खो दी है। उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों की पुष्टि होने के बाद समिति ने अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है। अगर उनकी सदस्यता समाप्त हो जाती है, तो यह राजद के लिए एक बड़ी क्षति होगी।