मुजफ्फरपुर में डीपीआर यूनिक नेटवर्किंग कंपनी द्वारा 250 लड़कियों के साथ यौन शोषण के खिलाफ AIPWA, AISA और RYA का राज्यव्यापी प्रतिरोध
मुजफ्फरपुर में लड़कियों के यौन शोषण के मामले ने एक बार फिर से देश को झकझोरा
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे पर खरा नहीं उतर रही सरकार: ऐपवा
एपवा, इनौस और आइसा ने किया बक्सर के ज्योति चौक पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डबल इंजन की सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
मुजफ्फरपुर के अहियापुर क्षेत्र में सोशल मीडिया के माध्यम से नौकरी के नाम पर लड़कियों के यौन शोषण का मामला सामने आया है। इस प्रकरण में 250 से अधिक लड़कियों को डीबीआर यूनिक नेटवर्किंग कंपनी द्वारा नौकरी का प्रलोभन देकर आर्थिक और शारीरिक शोषण किया गया है। एक पीड़िता के माध्यम से यह बातें प्रकाश में आई हैं।
पीड़िता ने आरोप लगाते हुए कहा है कि नौकरी में ज्वाइनिंग के नाम पर पहले 20 हजार रुपये मांगे गए। इस रकम को देने के बाद भी ज्वाइनिंग न कराकर प्रत्येक अभ्यर्थी से अन्य 50 लड़कियों को कंपनी से जोड़ने का न केवल दबाव बनाया गया बल्कि प्रलोभन देकर इस कार्य को पूरा भी कराया गया। पीड़िता ने बताया कि 250 से अधिक इन लड़कियों को हाजीपुर के एक कमरे में कैदी बनाकर बंद कर दिया गया। बाद में इन लड़कियों को शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना देकर इनका यौन शोषण शुरू कर दिया गया। इसमें अनेक लड़कियों के गर्भपात कराने का भी मामला सामने आया है।
इस प्रकरण ने बालिका गृह कांड की न केवल याद दिला दी बल्कि यह उससे भी वीभत्स साबित हो रहा है। देश और राज्य में बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का नारा विगत कई सालों से चल रहा है लेकिन इस नारे के विपरीत बेटियों के शोषण के शर्मनाक मामले दिन प्रतिदिन सामने आ रहे हैं। इन घटनाओं से यह पता चलता है कि किस प्रकार कानून का राज डबल इंजन के शासन में पंगु होता जा रहा है। आरंभ में ही अगर प्रशासन द्वारा इस प्रकार की घटनाओं को संज्ञान में लेकर कार्रवाई की जाती तो इतनी बड़ी घटना सामने नहीं आती। इस संदर्भ में एक पीड़िता ने बताया कि वह शुरू में ही मामले को लेकर पुलिस के पास गई थी लेकिन पुलिस ने लापरवाही के कारण कोई कार्रवाई करने से मना कर दिया। जिसके कारण इतनी बड़ी घटना सामने आई है।
इस प्रकरण ने एक बार फिर बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे को सामने ला दिया है। बेरोजगारी के इस दौर में लड़कियां रोजगार पाने की लालच में अपराधियों के चंगुल में फंसती चली गईं, जिसके कारण इस प्रकार की खौफनाक घटना सामने आई है। इसमें किसी राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण से इनकार नहीं किया जा सकता।
2. लोकसभा चुनाव में हार के बाद याद आया आनंद, राष्ट्रीय संयोजक घोषित
महिला संगठन ऐपवा इस जघन्य अपराध की निष्पक्ष जांच, दोषियों को तत्काल सजा देने, पीड़ितों को मुआवजा और सरकारी नौकरी प्रदान किए जाने की मांग करती है।
RYA और AISA ने आरक्षण के मुद्दे पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
मौके पर ऐपवा नेता संध्या पाल और पूजा कुमारी समेत अन्य महिला साथी उपस्थित रहीं। इनौस के जिला संयोजक राजदेव सिंह और पार्टी नेता तेजनारायण सिंह के साथ RYA नेता गणेश सिंह, अजीत राकेश, दयाशंकर सिंह, हरेराम प्रजापति, रोहित गोस्वामी, दीपु कुशवाहा और अन्य साथी मौजूद रहे।