Bihar Politics :- राजनीति में एक नया मोड़ आया है जब पूर्व विधायक और बाहुबली नेता सुनील पांडे पटना में भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया। उनके साथ उनके बेटे विशाल प्रशांत ने भी पार्टी की सदस्यता ली है। इससे पहले, सुनील पांडे राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के साथ थे।
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सुनील पांडे का आपराधिक इतिहास काफी विवादास्पद रहा है। 2006 में उन्होंने पटना के ASP को गोली मारने की बात कही थी, जिसके बाद उन्हें जनता दल यूनाइटेड (जदयू) से निष्कासित कर दिया गया था। पांडे पर हत्या, डकैती, अपहरण, और लूट के कई मामले दर्ज हैं। उनके बीजेपी में शामिल होने के बाद, पार्टी ने उन्हें सम्मानित सदस्य के रूप में स्वीकार किया है, जिससे बिहार की राजनीति में उथल-पुथल मच गई है।
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नब्बे के दशक में आरा, भोजपुर, बक्सर से लेकर बनारस तक उनका वर्चस्व था। 2000 में समता पार्टी से विधायक बनने के बाद उन्होंने कई बार चुनाव जीते, जिनमें वे फरार रहने के बावजूद विजयी हुए। हालांकि, 2012 के बाद से उनकी राजनीतिक पकड़ कमजोर होती गई, और वे जदयू से अलग होकर एलजेपी में शामिल हो गए थे, लेकिन वहां भी उन्हें चुनावी टिकट नहीं मिला।
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अब बीजेपी में उनके शामिल होने के बाद, विरोधियों ने उनके आपराधिक इतिहास को लेकर पटना में जगह-जगह पोस्टर और पंपलेट लगाए हैं। इन पोस्टरों में उन्हें आरा सिविल कोर्ट बम ब्लास्ट का आरोपी, ब्रह्मेश्वर मुखिया का हत्यारा, और कई अन्य गंभीर अपराधों का दोषी बताया गया है।
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