उत्तर प्रदेश में बीजेपी में सब कुछ ठीक नहीं : उपचुनाव से पहले संगठन में बदलाव के संकेत
अखिलेश यादव के PDA (प्रगतिशील लोकतांत्रिक गठबंधन) से पार पाने के लिए मौर्य को मिल सकती हा प्रदेश की कमान
बात समाज की :- यूपी में लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम आने के बाद भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं है। यूपी के 10 विधानसभा के होने वाले उपचुनावों को लेकर पार्टी पूरी तैयारी में जुट गई है। यह भी पढ़े 👉 ओमान के तट पर तेल टैंकर डूबा: 16 क्रू मेंबर्स लापता, 13 भारतीय
भाजपा की कार्यकारिणी बैठक में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बड़ा बयान देते हुए कहा था कि संगठन से बड़ी सरकार नहीं होती है और खुद को कार्यकर्ता बताया। इसके बाद उन्होंने दिल्ली पहुंचकर जेपी नड्डा से मुलाकात की। ये घटनाक्रम इंगित करते हैं कि यूपी भाजपा में कुछ बड़ा होने वाला है।
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केशव प्रसाद मौर्य बीते दिनों दिल्ली पहुंचे थे, जहां उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने यूपी भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी से भी बातचीत की। हालांकि, इन मुलाकातों का विषय स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन जून में समीक्षा बैठक के लिए सीएम योगी द्वारा बुलाई गई बैठक में केशव प्रसाद मौर्य नहीं पहुंचे, इन कयासों को और बल दिया कि बीजेपी यूपी में सब ठीक नहीं चल रहा है।
उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि केशव प्रसाद मौर्य और सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच तकरार हो सकती है। कार्यकारिणी बैठक में मौर्य के तेवर कुछ बदले हुए नजर आए, जब उन्होंने कहा कि संगठन हमेशा सरकार से बड़ा होता है। इस बयान के बाद से उनके और योगी आदित्यनाथ के बीच मतभेद की खबरें जोर पकड़ने लगी हैं।
इन सब सब घटनाक्रमों के बीच यह कयास लगाए जा रहे हैं कि यूपी उपचुनाव से पहले भाजपा संगठन में बदलाव देखने को मिल सकते हैं। वहीं, यह भी कहा जा रहा है कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को यूपी भाजपा की कमान सौंपी जा सकती है, क्योंकि 2017 के विधानसभा चुनाव में उनकी अध्यक्षता में भाजपा ने बड़ी जीत हासिल की थी और उनकी पार्टी में पकड़ भी मजबूत रही है।