neetu hatyakand मिठोपुर गाँव में नीतू कुमारी की हत्या, ग्रमीणो में भय और संदेह का माहौल
बात समाज की :-रोहतास जिले के इंद्रपुरी थाना क्षेत्र के मिठोपुर गांव में 19 वर्षीय नीतू कुमारी की हत्या से क्षेत्र में सनसनी फैल हैं. नीतू का शव शनिवार को मोकर नहर से बरामद किया गया, जिसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सासाराम भेज दिया।
नीतू कुमारी, के पिता कमलेश कुमार ने बताया की , तीन दिन पहले घर से दोपहर में निकली थी। उसके बाद वह वापस नहीं लौटी। परिवार वालों ने नीतू को आस पास काफी खोजबीन की, लेकिन जब कही पत्ता नहीं चला तो उन्होंने इंद्रपुरी थाना में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नीतू की खोजबीन शुरू की और अंततः शनिवार को उसका शव मोकर नहर से बरामद किया।
Neetu के पिता, कमलेश कुमार ने बताया कि नीतू ने दोपहर में मोबाइल फोन पर किसी से बात की और फिर घर से बाहर निकल गई। उसके बाद क्या हुआ, इसका किसी को कोई अंदाजा नहीं है। उन्होंने कहा की हमको पुलिस पर पूरा भरोसा है और विश्वास है कि मेरी बेटी को न्याय मिलेगा।
परिवार ने पुलिस से जल्द से जल्द हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग की है। इस घटना ने ग्रामीणों के बीच डर और आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि इस तरीके की घटना पहले कभी नहीं हुई और इससे सभी डरे हुए हैं। कई अफवाहें भी फैल रही हैं।
ज़ब इस घटना की जानकारी मौर्य शक्ति के सयोजक रवि मौर्य एवं सम्राट अशोक क्लब के सदस्य पंकज को हुई तो उन्होंने उस पीड़ित परिवार से मिल उन्हें सांत्वना दी और उन्होंने प्रशासन को 72 घंटों का समय दिया है कि यदि इस समय सीमा के भीतर हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं होती है, हमारी संगठन आंदोलन करेगा और इसका पूरा जिम्मा पुलिस प्रशासन पर होगा।
सूत्रों का जानकारी के अनुसार बढ़ते दबाव पर जिले के पुलिस कप्तान और अन्य पुलिस अधिकारी सोमवार के शाम को neetu के घर पहुंचे और परिवार वालों से घंटों पूछताछ की। पुलिस ने इस हत्याकांड में लोगो से सहयोग माँगा हैं.
पुलिस ने बताया कि वे सभी संभावित सुरागों की जांच कर रहे हैं और जल्द ही दोषियों को पकड़ लिया जाएगा।
नीतू कुमारी की हत्या ने पूरे गांव को झकझोर, ग्रामीणों का कहना है कि जब तक हत्यारे पकड़े नहीं जाते, वे चैन से नहीं बैठेंगे।
इस मामले ने प्रशासन के सामने भी बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। पुलिस पर न केवल हत्यारों को पकड़ने का दबाव है, बल्कि गांव में फैले डर और आक्रोश को भी शांत करने की जिम्मेदारी है। पुलिस की तत्परता और निष्पक्षता पर अब सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।