बात समाज की :- बिहार में पुल गिरने की घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले एक सप्ताह के भीतर यह तीसरा मामला है जब एक पुल ढह गया है। ताजा घटना मोतिहारी के घोड़ासहन ब्लॉक में चैनपुर स्टेशन के लिए पहुँच मार्ग पर हुई है। इस पुल का निर्माण दो करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा था और इसकी लंबाई लगभग 50 फीट थी। पुल की ढलाई का काम पूरा हो चुका था जब यह हादसा हुआ।
इससे पहले, अररिया और सीवान में भी पुल गिरने की घटनाएं सामने आई थीं। इन लगातार हो रही घटनाओं ने राज्य की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की गुणवत्ता और निर्माण की निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पिछले एक सप्ताह के भीतर बिहार में यह तीसरी बार है जब कोई पुल गिरा है। पहले दो मामले अररिया और सीवान में हुए थे।
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मोतिहारी पुल हादसा मोतिहारी के घोड़ासहन ब्लॉक में चैनपुर स्टेशन के लिए पहुँच मार्ग पर दो करोड़ रुपये की लागत से पुल का निर्माण किया जा रहा था, जो ढह गया। निर्माणाधीन पुल यह पुल निर्माणाधीन था और पुल की ढलाई का काम पूरा हो चुका था। पुल की लंबाई लगभग 50 फीट थी। लगातार हो रहे पुल गिरने की घटनाओं ने निर्माण की गुणवत्ता और निगरानी पर सवाल खड़े किए हैं।
लगातार हो रही इन घटनाओं ने निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए हैं। निर्माण में उपयोग किए गए सामग्री और तकनीकों की जांच की आवश्यकता है। निर्माण परियोजनाओं की निगरानी में संभावित खामियों की भी जांच की जानी चाहिए। निर्माण कार्यों में शामिल मजदूरों और इंजीनियरों के कौशल और प्रशिक्षण पर भी विचार करना आवश्यक है।
घटनाओं के कारणों की विस्तृत जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।
भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सुधारात्मक उपायों को लागू करना आवश्यक है।
निर्माण परियोजनाओं की सख्त निगरानी और निरीक्षण के लिए एक मजबूत प्रणाली विकसित की जानी चाहिए।
इन घटनाओं ने बिहार के बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और सरकार को तुरंत सुधारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है।