Friday, December 5, 2025
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वडोदरा पुल हादसा: मां की आंखों के सामने डूबे बच्चे और पति, मदद के लिए एक घंटे तक चिल्लाती रही सोनलबेन | 

  

Gujarat  के वडोदरा जिले में मंगलवार सुबह उस वक्त एक दर्दनाक हादसा हो गया जब महिसागर नदी पर बना गंभीरा पुल का एक हिस्सा अचानक ढह गया। हादसे में कई वाहन नदी में जा गिरे और 10 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। इस हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया है, खासकर जब एक महिला सोनलबेन पढियार की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं, जो अपने पति और दो मासूम बच्चों को बचाने की गुहार लगाती रही।

🕯️ हादसे का मंजर: मां की चीखें और मूक तमाशबीन भीड़

35 वर्षीय सोनलबेन पढियार, जो इस हादसे में जीवित बच गईं, लगभग एक घंटे तक नदी के बीच में फंसी एक डूबती वैन के मलबे पर बैठी रहीं। उनका शरीर आधा पानी में डूबा था, और वह बेसुध होकर गुजराती में चिल्लाती रहीं –
“मेरे बच्चे डूब गए… मेरे पति डूब गए, कोई उन्हें बचा लो…”

  वह डूबते वाहन पर बैठी लोगों से मदद मांग रही थीं, लेकिन नदी की तेज धारा और घटनास्थल की भयावह स्थिति के कारण कोई भी मदद के लिए आगे नहीं बढ़ सका।

जब तक एनडीआरएफ की टीम पहुंचती, सोनलबेन के पति रमेश पढियार (38), चार साल की बेटी वेदिका और दो साल का बेटा नैतिक डूब चुके थे।

🧍‍♀️ कैसे बचीं सोनलबेन?

सोनलबेन ने बताया कि वह वैन के पिछले हिस्से में बैठी थीं। हादसे के वक्त वैन के ऊपर एक ट्रक आ गिरा, जिससे आगे बैठे उनके पति और बच्चे वहीं फंस गए। सोनलबेन किसी तरह खुद को पानी में खींचकर बाहर निकाल पाईं और वैन के मलबे पर चढ़कर जान बचाई।

“मैं लगभग एक घंटे तक चिल्लाती रही, लोगों से मदद मांगती रही, लेकिन कोई भी मेरी मदद को नहीं आया।” – सोनलबेन ने रोते हुए बताया।

यह पूरा परिवार वडोदरा के पादरा तालुका के मुजपुर गांव का रहने वाला था और भावनगर के बगदाना स्थित एक धार्मिक स्थल पर प्रार्थना करने जा रहा था। वैन में कुल सात लोग सवार थे। सुबह करीब 6:30 बजे वे निकले और 7 बजे के करीब पुल पार करते समय हादसा हुआ।

🛑 गंभीरा पुल पर लापरवाही के आरोप

पुलिस अधीक्षक रोहन आनंद ने बताया कि पादरा कस्बे के पास स्थित गंभीरा पुल, जो मध्य गुजरात को सौराष्ट्र से जोड़ता है, उसका एक स्लैब अचानक ढह गया।

इस हादसे के बाद प्रशासन और राज्य सरकार पर पुल की खराब स्थिति को नजरअंदाज करने के आरोप लग रहे हैं। स्थानीय लोग बता रहे हैं कि इस पुल पर कई महीनों से मरम्मत की जरूरत थी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।

🔍 जांच के आदेश, पर उठते सवाल

राज्य सरकार ने हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। लेकिन सवाल यही है कि क्या जांच से उन मासूमों की जान वापस आ सकेगी? क्या सोनलबेन के परिवार की त्रासदी का जवाब कोई दे सकेगा?

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