बांग्लादेश में हाल के दिनों में भारी राजनीतिक हंगामे के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। बांग्लादेश के राष्ट्रपति ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री और विपक्षी नेता खालिदा जिया को रिहा करने का आदेश दिया है। जो भारत के लिए खतरे कि घंटी हैं | इसके साथ ही, बांग्लादेश की सेना ने घोषणा की है कि मंगलवार सुबह से कर्फ्यू समाप्त कर दिया जाएगा और स्कूल तथा व्यवसाय पुनः खोल दिए जाएंगे।
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शेख हसीना के इस्तीफे और राजनीतिक दृश्य से हटने का ऐलान
Bangladesh बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा कि उनकी मां अब राजनीति में वापस नहीं लौटेंगी। शेख हसीना, जो कि हाल ही में बांग्लादेश की स्थिति में हुए विरोध प्रदर्शनों के कारण इस्तीफा देने को मजबूर हुईं, ने लंदन के लिए प्रस्थान कर लिया है।
सजीब वाजेद जॉय ने एक इंटरव्यू में बताया कि उनकी मां शेख हसीना ने परिवार के आग्रह पर अपनी सुरक्षा के लिए देश छोड़ने का निर्णय लिया। जॉय के अनुसार, शेख हसीना काफी समय से इस्तीफे पर विचार कर रही थीं, और परिवार के समर्थन के बाद उन्होंने यह कदम उठाया।
शेख हसीना की सरकार के खिलाफ हो रहे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन देशभर में जारी हैं। प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ अवामी लीग के समर्थकों के बीच बढ़ते तनाव के चलते हाल ही में 200 से अधिक लोगों की जानें गईं हैं। बीते पखवाड़े में हिंसक झड़पों में करीब 300 लोग मारे गए हैं।
सजीब वाजेद जॉय ने कहा कि शेख हसीना, जिन्होंने 15 वर्षों तक बांग्लादेश पर शासन किया, बहुत निराश हैं कि उनके कार्यकाल के बाद भी लोग उनके खिलाफ खड़े हो गए। उन्होंने कहा, “मेरी मां ने बांग्लादेश को बदल दिया है। जब उन्होंने सत्ता संभाली थी, तब इसे एक असफल राष्ट्र के रूप में देखा जाता था। लेकिन आज इसे एशिया के उभरते देशों में से एक माना जाता है। वह इस स्थिति से बहुत निराश हैं।
प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुए टकराव में कई पुलिसकर्मियों की भी मौत हो चुकी है। सजीब वाजेद जॉय ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पुलिसकर्मियों को निर्दयता से मारा गया है और कल ही 13 पुलिसकर्मी मारे गए। उन्होंने कहा, “जब भीड़ लोगों को पीट-पीटकर मार रही हो, तो आप पुलिस से क्या उम्मीद कर सकते हैं?
खालिदा जिया की रिहाई
इस राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, बांग्लादेश के राष्ट्रपति द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की रिहाई का आदेश भी एक बड़ा घटनाक्रम है। खालिदा जिया, जो विपक्ष की प्रमुख नेता रही हैं, की रिहाई से बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकता है।