प्रेसबिओपिया के लिए नई उम्मीद: एन्टोड फार्मास्यूटिकल्स की ‘प्रेस्वू’ आई ड्रॉप्स को मिली मंजूरी
मुंबई स्थित एन्टोड फार्मास्यूटिकल्स ने प्रेसबिओपिया के इलाज के लिए ‘प्रेस्वू’ नामक आई ड्रॉप्स विकसित की है। प्रेसबिओपिया एक सामान्य आयु-संबंधित दृष्टि स्थिति है जिससे नजदीकी वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है। दुनिया भर में इस स्थिति से 1.09 बिलियन से 1.80 बिलियन लोग प्रभावित हैं। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने पहली बार इस आई ड्रॉप को बाजार में बिक्री की मंजूरी दी है, जिससे प्रेसबिओपिया से पीड़ित रोगियों को बिना चश्मे के पढ़ने में मदद मिल सकेगी।
‘प्रेस्वू’ आई ड्रॉप्स का फॉर्मूला न केवल पढ़ने वाले चश्मे से छुटकारा दिलाता है बल्कि मरीज को अतिरिक्त लाभ भी प्रदान करता है, जैसे कि यह आंखों को नमी देने में भी मदद करता है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने एन्टोड फार्मास्यूटिकल्स को ‘प्रेस्वू’ आई ड्रॉप्स की मंजूरी दी है। मंगलवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में कंपनी ने इस फॉर्मूला का परिचय दिया।
प्रेसबिओपिया की समझ
डॉक्टरों के अनुसार, प्रेसबिओपिया एक सामान्य आयु-संबंधित दृष्टि समस्या है जो आमतौर पर 40 वर्ष की आयु के बाद व्यक्तियों को प्रभावित करती है। मरीज के क्रिस्टलीय लेंस की प्राकृतिक उम्र बढ़ने से उसे आसपास की वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है। अब, ‘प्रेस्वू’ आई ड्रॉप्स के माध्यम से, दृष्टि में सुधार लाया जा सकता है और मरीजों को चश्मे की आवश्यकता नहीं होगी।
मानसून के दिनों में कंजंक्टिवाइटिस, जिसे पिंक आइज भी कहा जाता है, का जोखिम अधिक होता है। यह मुख्य रूप से वायरस या बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होता है। कुछ लोगों में एलर्जी के कारण भी कंजंक्टिवाइटिस हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, मानसून के दौरान सार्वजनिक पूल में तैरने से बचना चाहिए और कॉन्टैक्ट लेंस का उपयोग करते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
मानसून के दौरान आंखों की समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है। बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण के कारण आंखों में चिपचिपापन, पीला स्राव और सूजन जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। आंखों की समस्याओं से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियों का ध्यान रखना आवश्यक है:
भारत में ‘प्रेस्वू’ आई ड्रॉप्स के आने से प्रेसबिओपिया से पीड़ित लोगों के लिए एक नई उम्मीद जगी है। यह आई ड्रॉप्स न केवल दृष्टि में सुधार लाएगी बल्कि चश्मे के झंझट से भी छुटकारा दिलाएगी। एन्टोड फार्मास्यूटिकल्स की यह पहल भारतीय स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे लोगों की जीवनशैली में सकारात्मक परिवर्तन आने की संभावना है।