संजय सिंह
बात समाज की – बिहार की राजधानी पटना में इस समय प्रदूषण अपने चरम सीमा पर है । यहा प्रदूषण से सिर्फ जनता ही नहीं बल्कि पेड़ पौधों पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है ।पटना में प्रदूषण गाड़ियां के अलावा गंदगी व सड़कों पर उड़ रहे धूल से हो रहा है इस प्रदूषण से आज के समय बिना मास्क का निकलना काफी मुमकिन हो चुका है ।इस प्रदूषण के कारण शहर के अस्पतालों में मरीजों की संख्या काफी बड़ती दिख रहीं है ।
अस्पतालों में बड़ रहे मरीजों को देखकर बिहार सरकार ने हर दिन कुछ नया कदम उठाने का प्रयास भी कर रही है।
बिहार सरकार बड रहे प्रदूषण को देखकर शहर के सभी सड़कों पर पानी का फुहार फेंकवाने के साथ साथ सभी जनता को भी मास्क लगाकर चलने का भी प्रयास कर रहीं है ।
इस बड़ा रहे प्रदूषण को देखकर सभी बिहार वासियों से अधिक संख्या में पेड़ पौधों लगाने का प्रयास कर रही है तथा बिहार के सभी गाँव मे लगवाने में जुड़ी हुई है ।मिली जानकारी के अनुसार पेड़ पौधों लगा दिया जाता है लेकिन पेड़ पौधों लगाने के बाद सही समय पर खाद पानी नहीं मिल पाता है जिससे छोटे छोटे पौधे सुख जाते है इस कारण प्रदूषण पर कोई लाभ नहीं होता है
राजधानी के अलावा शहरों में कंपनियों व कारखाना से निकल रहे धुआ तथा खेतों में जल रहे पाराली से भी प्रदूषण में काफी तेजी आ रहीं है ।जिसके वजह से स्वास्थ्य संबधित तरह तरह की रोग उत्पन होने की संभावना रहता है ।इसलिए वह अन्य तरह की स्वास्थ्य सम्बन्धित परेशानी को नजरिया अंदाज कर देते है ।आपको बता दे को प्रदूषण के वजह से न सिर्फ अस्थमा, बल्कि हृदय डिजीज, स्किन एलर्जी और आखों से जुड़ी बीमारियों भी हो सकती है
विश्व स्वास्थ्य संगठन के रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भार में हर साल 70 लाख से ज्यादा लोगों की मौत प्रदूषण की वज़ह से होती है । हवा की दशा बिगाड़ते शरीर में कई अन्य तरह की बीमारियाँ हो सकती है आईए जानते है विस्तार से-
निमोनिया-:
निमोनिया एक आम समस्या है और इसे आसानी से नियन्त्रित किया जा सकता है हाई प्रदूषण की वज़ह से इसके आस पास रहने वाले लोगों को निमोनिया होने का जालिम काफी बढ़ जाता है
स्ट्रोक-:
हाल के वर्षों में स्ट्रोक की समस्या काफी आम हो चुकी है बढ़ते प्रदूषण की वजह से कई युवाओं में स्ट्रोक का ख़तरा रहता है ।
फेफड़े का केंसर-:
फेफड़े का केंसर विभिन्न कारणों से हो सकता है इसके अलावा प्रदूषण के बढ़ते स्तर के आसपास रहने वाले लोगों को फेफड़े का केंसर होने का जोखिम काफी ज्यादा बढ़ सकता है ।
हृदय रोग-:
वायु प्रदूषण के स्तर में बुध्दि और तापमान के कारण हृदय रोग का जोखिम काफी ज्यादा बढ़ जाता है हृदय रोग का कारण हृदय मस्तिष्क और अन्य अंगों को आक्सीजन की निरंतर आपूर्ति बाधित होती है जिससे दिल का दौरा पड़ने का काफी ख़तरा बढ़ जाता है ।
स्किन संबधी परेशानी-:
प्रदूषण की वज़ह से स्किन संबधी परेशानी होने का खतरा रहता है खासकर छोटे बच्चों में इस तरह की समस्या काफी ज्यादा देखी जाती है ।प्रदूषण की वज़ह से स्किन पर खुजली होने की संभावना रहती है इसके अलावा स्किन केंसर जैसे गंभीर समस्या भी हो सकती है