देश का दूसरा जातीय सर्वेक्षण कराने वाला राज्य बनेगा|
बात समाज की :- झारखंड सरकार ने राज्य में जातीय सर्वेक्षण कराने का निर्णय लिया है, जो अक्टूबर-नवंबर में संभावित विधानसभा चुनाव के पहले झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन सरकार का बड़ा दांव माना जा रहा है। यह निर्णय मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया। इस निर्णय के अनुसार, झारखंड कार्यपालिका नियमावली में संशोधन करते हुए कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग को जातीय सर्वेक्षण का दायित्व सौंपा गया है।
सरकार की कैबिनेट सेक्रेटरी वंदना डाडेल ने यह जानकारी दी। कैबिनेट में पारित प्रस्ताव के अनुसार, जातीय सर्वेक्षण का उद्देश्य राज्य में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी वर्ग को आनुपातिक समानता का अवसर प्रदान करना है। हालांकि, अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि सर्वेक्षण की प्रक्रिया क्या होगी और इसकी शुरुआत कब से होगी। इसकी पूरी रूपरेखा कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग तय करेगा।
इसके पहले, बिहार में जातीय सर्वेक्षण पूरा हो चुका है और झारखंड ऐसा करने वाला दूसरा राज्य होगा। राज्य सरकार ने राज्य के 49 नगर निकायों का चुनाव ओबीसी आरक्षण का प्रतिशत तय करने के नाम पर रोक दिया था और यह निर्णय लिया कि नगर निकायों के चुनाव में ओबीसी को आरक्षण दिया जाएगा। इसके लिए राज्य के पिछड़ा वर्ग आयोग को ओबीसी आबादी के सर्वेक्षण का दायित्व सौंपा गया है। हालांकि, फिलहाल यह सर्वेक्षण शुरू नहीं हो सका है।