दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देशवासियों को संबोधित करते हुए धार्मिक यात्राओं, स्वास्थ्य क्षेत्र की उपलब्धियों और लोकतंत्र के काले दौर ‘इमरजेंसी’ पर विस्तार से बात की… उन्होंने कहा, “धार्मिक यात्राएं सेवा का महाअनुष्ठान होती हैं। यात्रा पर जितने लोग जाते हैं, उससे अधिक लोग उनकी सेवा में जुट जाते हैं।”
पीएम मोदी ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के पुनः शुरू होने की जानकारी देते हुए कहा कि यह स्थल हिंदू, बौद्ध और जैन परंपराओं में आस्था का केंद्र है। उन्होंने धार्मिक यात्राओं को मन की शुद्धि, शरीर के अनुशासन और प्रभु से जुड़ने का माध्यम बताया।
स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि साझा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत अब ‘ट्रेकोमा मुक्त’ देश बन गया है। “विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत को ट्रेकोमा फ्री घोषित किया है।
यह हमारे डॉक्टरों, हेल्थ वर्कर्स और देश की सामूहिक मेहनत का परिणाम है।” इमरजेंसी के दौर को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने तीखे शब्दों में कहा, “इमरजेंसी लगाने वालों ने संविधान की हत्या की थी।
न्यायपालिका को भी दबाने का प्रयास हुआ था। देशभर में आम नागरिकों को प्रताड़ित किया गया, जिसे इतिहास कभी भूल नहीं सकता।” प्रधानमंत्री ने इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO) की ताजा रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि आज देश के 95 करोड़ लोग किसी न किसी सरकारी योजना से लाभान्वित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ये आंकड़े जनभागीदारी से मिली सफलता का प्रमाण हैं और विश्वास दिलाते हैं कि भारत का भविष्य और सशक्त होगा।