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राजद नेता मुन्ना शुक्ला को बृजबिहारी प्रसाद हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने  उम्रकैद की सजा सुनाई

Bihar News :-  सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की तीन जजों की बेंच ने बृजबिहारी प्रसाद हत्याकांड में राजद नेता विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह फैसला गुरुवार को न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, संजय कुमार और आर महादेवन की पीठ ने सुनाया।

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इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए मुन्ना शुक्ला को दोषी करार दिया। साथ ही, ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए मंटू तिवारी को भी दोषी ठहराया गया। हालांकि, लोजपा के पूर्व सांसद सूरजभान सिंह समेत छह आरोपियों को बरी कर दिया गया है।

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13 जून 1998 को बिहार के तत्कालीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री बृजबिहारी प्रसाद की हत्या कर दी गई थी। राजधानी पटना के इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (IGIMS) में कड़ी सुरक्षा के बीच यूपी के माफिया डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला ने एके-47 से ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर उन्हें मार दिया था।

        ट्रायल कोर्ट का फैसला

वर्ष 2009 में ट्रायल अदालत ने आठ आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। बृजबिहारी प्रसाद लालू यादव की पार्टी के बड़े और दबंग नेता थे और उनकी हत्या गैंगवार का नतीजा थी। इस हत्याकांड में श्रीप्रकाश शुक्ला का भी नाम आया था जो उस समय सूरजभान के गैंग में शूटर था। बाद में उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने गाजियाबाद में शुक्ला को एक एनकाउंटर में मार गिराया था।

      पत्नी रमा देवी की पहल

बृजबिहारी प्रसाद की हत्या के बाद उनकी पत्नी रमा देवी ने इसके लिए Lalu Prasad Yadav और उनके परिवार पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके पति बिहार के मुख्यमंत्री न बन जाएं, इसलिए उनकी हत्या कराई गई। रमा देवी ने भाजपा और सीबीआई के साथ मिलकर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

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सुप्रीम कोर्ट ने 21 और 22 अगस्त को इस मामले की सुनवाई पूरी करते हुए आदेश को सुरक्षित रख लिया था। आखिरकार, गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को दोषी ठहराया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई।

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