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गालीबाज दरोगा, खुद को बताया cm का रिस्तेदार, ऑडियो वायरल

 Bihar में पुलिस ने फरियादि को गाली देकर के भगाया| बात सही भी हैं ज़ब सांसद को ये पुलिस कुछ जानती नहीं हैं तो आम आदमी का क्या हस्र होगा | अभी हाल ही में बक्सर  के सांसद सुधाकर सिंह को थानेदार ने कहाँ की हम पॉकेट में लेकर चलते हैं ऐसे सांसद को, आरा सांसद सुदामा प्रसाद को सरकारी कार्यक्रम में पुलिस के द्वारा बदसूलकी की गई |

 यह बात अब आम जनमानस में धीरे-धीरे फैल रही है कि प्रशासन पर से नीतीश कुमार का पकड़ कमजोर हो रहा है| हाल के घटनाओं से है यह पुष्टि भी होता है | पूर्णिया IG का इस्तीफा

Bihar News Gaya जिले के आमस थाना के थानाध्यक्ष इंद्रजीत कुमार का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह एक व्यक्ति को गाली-गलौज करते हुए खुद को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का रिश्तेदार बताते नजर आ रहे हैं। ऑडियो में वह पूर्व मंत्री Mukesh सहनी को गालियां देते हुए सुनाई दे रहे हैं। वायरल ऑडियो SHO का हीं हैं इसकी पुष्टि बात समाज की नहीं करता |

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         VIP Party के प्रखण्ड अध्यक्ष अनिल कुमार की बाइक 14 सितंबर को शेरघाटी कोर्ट से चोरी हो गई थी। उन्होंने आमस थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई थी। दो दिन बाद, वह थाने में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में पूछने गया , लेकिन उसे कोई जानकारी नहीं दी गई। इसके बाद, उसने अपनी पार्टी के प्रदेश युवा अध्यक्ष से थानाध्यक्ष इंद्रजीत कुमार को फोन कराया, लेकिन थानाध्यक्ष और युवा नेता के बीच बहस हो गई।

20 सितंबर की दोपहर को अनिल कुमार फिर से थाने गया। थाने में, थानेदार इंद्रजीत कुमार उसे देखते ही बुरी तरह भड़क गए और गाली-गलौज करने लगे। उन्होंने अनिल को चेतावनी दी कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का रिश्तेदार है और मुकेश सहनी की कोई औकात नहीं है। ऑडियो में थानेदार कहते सुने जा सकते हैं, “तुमको पता नहीं कि यहां थाने में मुख्यमंत्री का रिश्तेदार बैठा हुआ है, मुकेश सहनी क्या कर लेगा…इसके आगे शब्द अभद्र हैं।”

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     क्या कह रहें हैं थानेदार

जब इस संबंध में आमस थानाध्यक्ष इंद्रजीत कुमार से फोन पर बात की गई, तो उन्होंने कहा कि उन्होंने किसी को गाली नहीं दी है। उन्होंने पूछा कि रिपोर्टर को कैसे पता कि वह ही गाली दे रहे हैं। रिपोर्टर ने कहा कि पीड़ित अनिल कुमार का आरोप है कि थानेदार ने गाली दी। इस पर थानेदार ने कहा कि अब आप क्या करेंगे। रिपोर्टर ने कहा कि जो आप कह रहे हैं, वही लिखा जाएगा। थानेदार ने कहा, “ठीक है।”

वरिष्ठ अधिकारियों की प्रतिक्रिया

एसएसपी आशीष भारती ने कहा कि इस मामले की जानकारी मिली है और उन्होंने सम्बन्धित एसडीपीओ को मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है। पीड़ित अनिल कुमार और वीआईपी पार्टी के जिलाध्यक्ष राज सहनी ने बताया कि देर शाम एसडीपीओ का फोन आया था और उन्होंने पूरी घटना की जानकारी ली। एसडीपीओ ने गाली-गलौज से जुड़ा ऑडियो भी लिया और घटना से सम्बंधित एक आवेदन भी लिखवाया।

         आगे की कार्रवाई

गया के एसएसपी को सोशल मीडिया के माध्यम से गालीबाज थानेदार का वायरल ऑडियो क्लिप मिला है। वरीय पुलिस अधीक्षक ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच का जिम्मा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी शेरघाटी-01 को दिया है। मामले की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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इस घटना ने बिहार पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह है कि उच्च अधिकारी इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और फरियादियों को न्याय दिलाने के लिए क्या कार्रवाई की जाती है।

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