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आईजी शिवदीप लांडे का इस्तीफा के पीछे की कहानी जानिए, क्यों दिया इस्तीफा 

आज बिहार पुलिस और जनता के बीच खलबली मच गई जब ये खबर आई कि पूर्णिया के आईजी शिवदीप लांडे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। 2006 बैच के आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे, जो अपने बेदाग सेवा कार्यकाल और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही के लिए मशहूर थे, ने सोशल मीडिया पर अपने इस्तीफे की घोषणा की।

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 शिवदीप लांडे का सोशल मीडिया संदेश

शिवदीप लांडे ने अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा,
“मेरे प्रिय बिहार, पिछले 18 वर्षों से सरकारी पद पर अपनी सेवा प्रदान करने के बाद आज मैंने इस पद से इस्तीफा दे दिया है। इन सभी वर्षों में मैंने बिहार को खुद से और अपने परिवार से भी ऊपर माना है। अगर मेरे बतौर सरकारी सेवक के कार्यकाल में कोई त्रुटि हुई हो तो मैं उसके लिए क्षमाप्रार्थी हूँ। मैंने आज भारतीय पुलिस सर्विस (IPS) से त्यागपत्र दिया है परन्तु मैं बिहार में ही रहूँगा और आगे भी बिहार मेरी कर्मभूमि रहेगी। जय हिन्द।

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    इस्तीफे का कारण

सूत्रों के अनुसार, शिवदीप लांडे के इस्तीफे की कहानी मुजफ्फरपुर से जुड़ी है, जहां आठ महीने पहले उनकी पोस्टिंग हुई थी। मुजफ्फरपुर में तैनाती के दौरान, लांडे ने अपराधियों के खिलाफ सख्त अभियान चलाया और कई अपराधियों का एनकाउंटर भी हुआ। लांडे ने एक संगठित गिरोह के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू की थी, जिसके बाद उनका अचानक पूर्णिया ट्रांसफर कर दिया गया।

  ट्रांसफर और इस्तीफा

शिवदीप लांडे के ट्रांसफर के पीछे मुजफ्फरपुर के संगठित गिरोह का हाथ होने की चर्चा है। ट्रांसफर के बाद ही लांडे का बिहार पुलिस से मोहभंग हो गया और उन्होंने इस्तीफे का फैसला लिया। पूर्णिया ट्रांसफर के 15 दिन बाद ही लांडे ने इस्तीफे की घोषणा कर दी।

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  बिहार में ईमानदार अधिकारियों के लिए जगह नहीं?

लांडे का इस्तीफा इस बात की ओर इशारा करता है कि बिहार में ईमानदार अधिकारियों के लिए मुश्किलें बढ़ रही हैं। इससे पहले भी बिहार के कई ईमानदार अधिकारियों ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति को चुना है। पूर्व डीजीपी आर.एस. भट्ठी, एडीजी बी. श्रीनिवासन, नैयर हसनैन खान और एसपी कांतेश मिश्रा जैसे अधिकारी भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा चुके हैं।

शिवदीप लांडे का इस्तीफा एक बार फिर बिहार पुलिस और प्रशासनिक तंत्र में ईमानदार अधिकारियों की कठिनाइयों को उजागर करता है। ऐसे अधिकारियों का इस तरह इस्तीफा देना जनता के बीच चिंता का विषय है।

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