दिल दहला देने वाली घटना, शव को कंधे पर लेकर 15 किलोमीटर यात्रा
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Maharashtra के गढ़चिरौली जिले से एक दिल को झकझोर देने वाली खबर सामने आई है, जिसमें समय पर इलाज न मिल पाने के कारण दो बच्चों की मौत हो गई। इस घटना ने पूरे जिले की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
गढ़चिरौली के पत्तीगांव के रहने वाले बाजीराव और दिनेश, दोनों बच्चों की उम्र 10 साल से कम थी। चार सितंबर को बाजीराव को बुखार आया, जिसके बाद दिनेश भी बीमार पड़ गया। बच्चों के माता-पिता उन्हें इलाज के लिए एक स्थानीय पुजारी के पास ले गए, लेकिन पुजारी के इलाज से दोनों बच्चों की हालत और बिगड़ गई।
माता-पिता बच्चों को लेकर जिमलगट्टा स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, लेकिन वहां डॉक्टरों ने दोनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया। अस्पताल तक पहुँचने के लिए माता-पिता को कीचड़ भरे जंगल के रास्ते 15 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। एंबुलेंस की उपलब्धता न होने के कारण बच्चों के शवों को भी माता-पिता को कंधे पर रखकर वापस ले जाना पड़ा।
विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने इस घटना का वीडियो साझा किया और लिखा, “दोनों भाई-बहन बुखार से पीड़ित थे, लेकिन उन्हें समय पर इलाज नहीं मिला। कुछ घंटों के भीतर उनकी हालत बिगड़ गई और अगले एक घंटे में ही दोनों बच्चों ने दम तोड़ दिया।” उन्होंने गढ़चिरौली की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की इस गंभीर सच्चाई को उजागर किया।
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स्वास्थ्य विभाग का बयान
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि देचलीपेठा से एंबुलेंस को बुलाने की तैयारी की गई थी, लेकिन बच्चों को खो चुके माता-पिता ने मदद लेने से मना कर दिया। यह घटना उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के अधिकार क्षेत्र में हुई, जिससे प्रशासन पर सवाल उठना स्वाभाविक है।
यह घटना न केवल गढ़चिरौली जिले की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की गंभीर स्थिति को उजागर करती है, बल्कि पूरे राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को भी सामने लाती है। सरकार और प्रशासन को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं को रोका जा सके।