भू-माफियाओं की दबंगई से तंग आकर 10 आदिवासी महिलाओं ने किया सामूहिक आत्मदाह का प्रयास
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Bihar News :- बिहार के कटिहार Katihar जिले में भू-माफियाओं और दबंगों द्वारा गरीब दलित और आदिवासी समुदायों की जमीन हड़पने का खेल चरम पर है। राजस्व विभाग और पुलिस की निष्क्रियता के कारण इन दबंगों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। इस दबंगई और अवैध कब्जे के कारण तंग आकर सोमवार, 2 सितंबर को 10 आदिवासी महिलाओं ने सामूहिक आत्मदाह का प्रयास किया। इस घटना से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया|
कटिहार के ऑफिसर कॉलोनी में सोमवार को एक साथ 10 आदिवासी महिलाओं ने समाहरणालय के गेट पर अपनी जान देने का प्रयास किया। उन्होंने अपने शरीर पर डीजल तेल छिड़ककर आत्मदाह करने की कोशिश की। घटना के समय मौके पर मौजूद अधिकारियों ने तत्परता दिखाते हुए महिलाओं को रोक लिया, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।
जमीन हड़पने से उपजी निराशा
इस घटना के पीछे का कारण भू-माफियाओं द्वारा इन आदिवासी महिलाओं की जमीन पर अवैध कब्जा है। पीड़ित महिलाओं का कहना है कि दबंगों ने उनकी जमीन पर जबरदस्ती कब्जा कर मकान निर्माण का कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर उनकी शिकायतों को नज़रअंदाज किया जा रहा है। कोई उचित कार्रवाई नहीं होने के कारण महिलाओं ने यह बड़ा और दुखद कदम उठाने का प्रयास किया। फिलहाल, पुलिस ने सभी महिलाओं को सुरक्षित स्थान पर ले जाकर उनसे पूछताछ शुरू कर दी हैं |
गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग और पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि गरीबों की जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री के आदेशों के बावजूद, पीड़ित महिलाओं का आरोप है कि जिम्मेदार अधिकारी इन आदेशों की अनदेखी कर रहे हैं। यह घटना प्रशासन की निष्क्रियता और भू-माफियाओं की दबंगई की एक और मिसाल है, जो सरकार की नीतियों पर गंभीर सवाल खड़ा करती है।
इस घटना ने न केवल कटिहार बल्कि पूरे बिहार में भू-माफियाओं और प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़ित आदिवासी महिलाएं सामाजिक न्याय की मांग कर रही हैं और चाहती हैं कि प्रशासन उनके जमीन के अधिकारों की रक्षा करे। इस मामले में प्रशासन की निष्क्रियता और भू-माफियाओं की बढ़ती दबंगई को देखते हुए, राज्य सरकार को इस पर कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है, ताकि ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो।
कटिहार में भू-माफियाओं की दबंगई और प्रशासन की निष्क्रियता ने आदिवासी महिलाओं को सामूहिक आत्मदाह जैसे गंभीर कदम उठाने पर मजबूर कर दिया। यह घटना बिहार में सामाजिक न्याय और भूमि अधिकारों की स्थिति को उजागर करती है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या कार्रवाई करती है और इन महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।