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भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने दिलीप जायसवाल: सम्राट चौधरी की बिदाई

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने दिलीप जायसवाल: सम्राट चौधरी की बिदाई

Bihar News बिहार बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को हटाकर मंत्री दिलीप जायसवाल को बिहार बीजेपी का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह निर्णय केंद्रीय नेतृत्व ने एक साल के भीतर ही लिया, जिससे सम्राट चौधरी का पत्ता साफ हो गया। इस निर्णय के पीछे लोकसभा चुनाव के नतीजे और कुशवाहा वोट बैंक में विपक्ष की सेंधमारी को मुख्य कारण माना जा रहा है।

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 यह चुनाव के नतीजे आने के बाद पहले से ही तय था कि  सम्राट चौधरी की कुर्सी जाएगी मीडिया रिपोर्ट्स मैं  हार की जिम्मेदारी इनको ठहराया  जा रहा था|  बीजेपी सम्राट चौधरी को बली बकरा बनाया जबकि यूपी में इससे ज्यादा करारी हार मिली लेकिन वहां पर केंद्रीय नेतृत्व ने कोई बदलाव नहीं किया है| सम्राट चौधरी  ओबीसी से आते हैं इसलिए इनको हटाया गया | इसका दुष्परिणाम भी भाजपा को आने वाले चुनाव में उठाना पड़ेगा|

दिलीप जायसवाल, जो कि Bihar Gov बिहार सरकार में भूमि एवं राजस्व मंत्री रह चुके हैं, खगड़िया जिले के निवासी हैं। वे बीजेपी के एक कद्दावर नेता माने जाते हैं और तीसरी बार विधान परिषद के सदस्य बने हैं। पूर्णिया-अररिया-किशनगंज क्षेत्र संख्या 23 से एनडीए प्रत्याशी के रूप में तीन बार से चुनाव जीत चुके हैं। साथ ही, वे बिहार प्रदेश भाजपा के कोषाध्यक्ष पद पर लगातार 20 वर्षों तक कार्यरत रहे हैं।

Dilip Jaiswal, Samrat Chowdhary

 दिलीप जायसवाल बिहार राज्य भंडारण निगम के अध्यक्ष रह चुके हैं और सिक्किम भाजपा के राज्य प्रभारी के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। वे माता गुजरी विश्वविद्यालय से संबद्ध माता गुजरी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज किशनगंज के प्रबंध निदेशक भी हैं।

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 दिलीप जायसवाल के प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने का महत्व

दिलीप जायसवाल का संबंध अतिपिछड़ा वैश्य समाज से है। बीजेपी ने बिहार में अतिपिछड़ा वोटबैंक को साधने और अपनी पकड़ मजबूत बनाने के लिए दिलीप जायसवाल पर भरोसा जताया है। सम्राट चौधरी से पहले भी इसी समाज से संजय जायसवाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था, जो दर्शाता है कि पार्टी इस समुदाय के महत्व को समझती है और इसे अपने पक्ष में बनाए रखना चाहती है।

बीजेपी ने दिलीप जायसवाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर यह स्पष्ट संकेत दिया है कि वे अतिपिछड़ा वोटबैंक को अपनी प्राथमिकता मानते हैं। पिछले कुछ वर्षों में, बिहार में अतिपिछड़ा समाज का समर्थन महत्वपूर्ण रहा है, और इस बदलाव के माध्यम से बीजेपी इस वोटबैंक को अपने पाले में बनाए रखने की कोशिश कर रही है।

सम्राट चौधरी की प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने  के पीछे कुछ प्रमुख कारण माने जा रहे हैं। लोकसभा चुनावों में मिली असफलता और कुशवाहा वोटबैंक में विपक्ष की सेंधमारी से बीजेपी की स्थिति कमजोर हुई है। इसके अलावा, पार्टी के भीतर भी सम्राट चौधरी के नेतृत्व को लेकर असंतोष था। इस स्थिति में केंद्रीय नेतृत्व ने बदलाव का निर्णय लिया, और दिलीप जायसवाल को जिम्मेदारी सौंपकर पार्टी को एक नई दिशा देने की कोशिश की है।

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