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बिहार में शुरू हुआ पौधा रोपण अभियान, जाने क्या है इसका नियम

दिलीप कुमार मिश्रा

पटना: बिहार में 8 जुलाई से वन महोत्सव का शुरुआत हो चुका है. इसके अंतर्गत एक पौधा मां के नाम पर लगाने का संकल्प लिया गया है. राज्य स्तरीय वन महोत्सव का शुभारंभ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पटना से किया गया.

 

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   इसके अलावा राज्य के विभिन्न जिलों में भी पौधारोपण अभियान शुरू कर दिया गया है. जानकारी के मुताबिक इसके अंतर्गत वन विभाग कृषि वानिकी, वनों के बाहर, सड़कों के किनारे, नहर के तट, मनरेगा की भूमि़, जीविका दीदी , सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों में पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा.

     जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए पौधारोपण अभियान हर साल चलाया जाता है. इस साल 8 जुलाई से लेकर 31 जुलाई तक पौधारोपण अभियान चलाए जाने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए विभिन्न जिलों में एक लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है.

     उसे लक्ष्य के सापेक्ष में पौधारोपण अभियान चलाया जाना है. इस दौरान बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि घर परिसर और आसपास के जगह में पौधारोपण करें. राज्य में हरित क्षेत्र को बढ़ाने के लिए वर्ष 2012 से ही पौधारोपण अभियान चलाया गया है. जबकि 2019 से जल जीवन हरियाली योजना की शुरुआत की गई है.

 

    जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर पड़े मार्ग में मालदह आम के पौधा लगाकर का पौधारोपण करके वन महोत्सव की शुरुआत की. मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के द्वारा हर व्यक्ति को पांच निशुल्क पौधे भी उपलब्ध कराए जाएंगे.

 

हरित क्रांति में बिहार काफी आगे

हरित क्रांति को लेकर बिहार काफी आगे है. बिहार में सबसे अधिक वन क्षेत्र कैमूर में है उसके बाद गया, औरंगाबाद, सासाराम , नालंदा और नवादा सहित अन्य जिलों में वन क्षेत्र है. इन क्षेत्रों को और हरा करने के लिए सरकार काम कर रही है.

     पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए पौधरोपण किया जा रहा है. पिछले कई वर्षों से बिहार में पौधा लाने की गति में काफी तेजी आई है. जिसके कारण बिहार की धरा हरा होने की दिशा में चल निकली है. हालांकि अभी लोगों को इसमें योगदान देने की भी जरूरत है.

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