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 बिहार में बाढ़ का कहर: नेपाल में हो रही बारिश से त्राहिमाम, कोशी , गंडक नदी का जलस्तर बढ़ा, प्रशासन अलर्ट पर

 बिहार में बाढ़ का कहर: नेपाल में हो रही बारिश से त्राहिमाम, कोशी , गंडक नदी का जलस्तर बढ़ा, प्रशासन अलर्ट पर

बात समाज की :- नेपाल में हो रही भारी बारिश ने बिहार के कई जिलों में त्राहिमाम मचाना शुरू कर दिया है। गोपालगंज के वाल्मीकि नगर बराज में दबाव बढ़ने के कारण रविवार (7 जुलाई) को साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे कोसी नदी का जलस्तर बढ़ गया है और बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। इंडिया-नेपाल बॉर्डर के मेन रोड पर तीन फीट तक बाढ़ का पानी बह रहा है, जिससे लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

वर्तमान में कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने से तटबंध के भीतर बसने वाले लोगों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। खेतों में दो से तीन फीट तक पानी भर चुका है और कई गांवों में घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। प्रशासन और SDRF की टीम अलर्ट मोड पर है।

कोसी नदी का रौद्र रूप देखकर तटबंध के भीतर बसे लोग डर के साए में जी रहे हैं। जिले के नवहट्टा प्रखंड के पूर्वी कोसी तटबंध के भीतर कई पंचायत और गांव कोसी के पानी से घिर चुके हैं, जिनमें हाटी, छतवन, रामपुर, केदली, अशय, पहाड़पुर, कठवार, गोपालपुर, बकुनिया, डरहार सहित कई गांव शामिल हैं।

जलस्तर बढ़ने के कारण कई घरों में पानी प्रवेश कर गया है और कई एकड़ में लगी फसलें बर्बाद हो गई हैं।  ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की ओर से अब तक कोई राहत नहीं दी गई है और न ही सरकारी नाव की व्यवस्था की गई है।

नवहट्टा के अंचलाधिकारी का कहना है कि स्थिति सामान्य है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। कोसी का जलस्तर बढ़ा है लेकिन समय रहते कम हो जाएगा। उधर, बगहा जिले में भी बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय ने बगहा एक प्रखंड के चखनी रजवटिया, आनंद नगर, शास्त्रीनगर, पारस नगर, कैलाशनगर का निरीक्षण किया और नदी की स्थिति का जायजा लिया।

जिलाधिकारी ने ग्रामीणों से मिलकर बाढ़ की स्थिति के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने जल संसाधन विभाग के अभियंताओं को लगातार मॉनिटरिंग करने और तटबंधों पर रात के समय लाइटिंग आदि की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। साथ ही नदी के दबाव वाले जगहों पर नजर बनाए रखने और उसकी निरंतर मॉनिटरिंग करने का भी निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने स्थानीय थाना को निर्देशित किया कि नदी में किसी प्रकार के नाव का परिचालन अभी नहीं होगा और जो लोग दियारा में फंसे हुए हैं, उन्हें हर संभव कोशिश करके उनके घरों तक पहुंचाया जाएगा।

 

गोपालगंज जिलों में स्थिति काफी चिंताजनक हो गई है। गंडक (गण्डकी) नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। नेपाल में भारी बारिश के चलते देवघाट पर नारायणी नदी का जलस्तर 5.71 क्यूसेक तक बढ़ गया है, जिससे वहां से पानी छोड़ा जा रहा है। इसका असर गंडक नदी पर भी पड़ रहा है,

जल स्तर बढ़ने के कारण वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में पानी घुस गया है, जिससे निवासियों और वन्यजीव दोनों के लिए खतरा पैदा हो गया है। पानी बैरागी और सोनबर्सा पंचायत क्षेत्रों में भी घुस गया है, इसलिए अधिकारियों ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। वाल्मीकिनगर गंडक बैराज के सुपरिडेंट इंजीनियर नवल किशोर भारती ने बताया, अचानक जलस्तर बढ़ने से हमने वाल्मीकिनगर गंडक बैराज से 4.28 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा है। पानी के दबाव को नियंत्रित करने के लिए बैराज के सभी 36 गेट खोल दिए गए हैं।

जल संसाधन विभाग और जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर है। तटबंधों की निगरानी की जा रही है और निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया जा रहा है। मौसम विभाग ने उत्तर बिहार के मधुबनी, सुपौल, कटिहार, किशनगंज और अररिया जिलों में भारी बारिश की आशंका जताई है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है।

 

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बगहा के कैलाश नगर और रामनगर दियारा में गंडक नदी में फंसे 58 किसान फंस गए. गनीमत है कि सभी को सुरक्षित बचा लिया गया है. SDRF के जवानों ने सभी किसानों को सकुशल उनके घर पहुंचाया. हालांकि, बैरगनिया में खेत से लौट रहे एक किसान की बागमती में डूबने से मौत हो गई. उधर रामनगर प्रखंड के सपही पंचायत में मसान नदी में पानी में घिरे तीन किसान भी सकुशल घर पहुंच चुके हैं. 

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