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साहस और वीरता का प्रतीक: नक्सली सर्च अभियान में पैर गंवाने के बाद भी शौर्य चक्र से सम्मानित हुए बिभोर कुमार सिंह

 

बात समाज की :- “वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो, हाथ में ध्वजा रहे बाल दल सजा रहे, ध्वज कभी झुके नहीं डाल कभी रुके नहीं….” यह सच साबित कर दिखाया है bihar बिहार के कैमूर kaimur जिले के देवराढ़ कला गांव के वीर नौजवान bibhor kumar singh बिभोर कुमार सिंह ने। सीआरपीएफ कोबरा बटालियन के असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर तैनात बिभोर ने अपने अदम्य साहस एवं वीरता के बल पर नक्सल प्रभावित इलाके में एक अभियान के दौरान हुए बम विस्फोट में एक पैर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होने के बाद भी नक्सलियों के साथ मोर्चा संभाले रखा।

देश के वीर सपूतों को राष्ट्रपति ने कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र से किया सम्मानित

पुरस्कार के लिए खड़े बिभोर ने अपने साथियों के साथ आगे बढ़ते हुए भारत के वीर सिपाही सेनानियों के हौसले को बुलंद रखा। यह अभियान 25 फरवरी 2022 को औरंगाबाद के नक्सल प्रभावित इलाके में हो रहा था, जहाँ सहायक कमांडेंट विभोर कुमार सिंह एक सर्च एंड डिस्ट्रॉय ऑपरेशन टीम का नेतृत्व कर रहे थे। घने जंगल में पेड़ों एवं चट्टानों में छुपे नक्सलवादियों ने सर्च टीम पर भारी गोलीबारी शुरू कर दी।

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इस दौरान आईईडी विस्फोट में सहायक कमांडेंट विभोर कुमार सिंह का बायां पैर क्षतिग्रस्त होकर कट गया। असीम पीड़ा को सहन करते हुए और इच्छा शक्ति से पराजित होते हुए, उन्होंने कवरिंग फायर कर आगे बढ़ते हुए अभियान को सफल बनाया। उनके साहस एवं वीरता को सलाम करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया। सम्मानित होते ही राष्ट्रपति भवन के हॉल में तालियाँ गूंजने लगीं और पूरे देश ने उनकी वीरता पर उन्हें सलाम किया।

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