Raghopur Boat Accident बिहार के वैशाली जिले में एक बड़ा नाव हादसा टल गया, जिसमें 100 से अधिक लोग सवार थे, जिनमें अधिकांश सरकारी शिक्षक थे। यह घटना गुरुवार को हुई जब गंगा नदी पर बनी पीपा पुल से नाव टकरा गई। हादसे का कारण नदी में पानी का तेज बहाव बताया जा रहा है।रुस्तमपुर कच्ची दरगाह से राघोपुर के बीच गंगा नदी।
कारण नदी में पानी का तेज बहाव, जिसके कारण नाव पीपा पुल से टकरा गई| नाव सवार लोगों ने हिम्मत दिखाते हुए नाव को पीपा पुल के किनारे लगाया। एक-दूसरे का हाथ पकड़कर पुल के ऊपर चढ़े और किसी तरह से बाहर निकले।
अगर नाव में सवार लोगों ने सूझबूझ नहीं दिखाई होती, तो यह बड़ा हादसा हो सकता था। लोगों की सूझबूझ और हिम्मत से बड़ा हादसा टल गया।कुछ लोगों का आरोप है कि नाविक ने पैसे वसूलने के चक्कर में नाव का पतवार नए व्यक्ति को सौंप दिया था, जिससे नाव पुल से टकरा गई।
कुछ लोगों का कहना है कि शिक्षकों को स्कूल पहुंचने की जल्दी थी, इसलिए यह हादसा हुआ।
इस नदी मार्ग पर मवेशियों की तरह लोगों को नाव पर बैठाकर नदी पार कराया जाता है, जो सुरक्षा के लिहाज से उचित नहीं है।नाविकों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए और उनकी सेवाओं की नियमित निगरानी होनी चाहिए।नाविकों के पास पर्याप्त सुरक्षा उपकरण और जानकारी होनी चाहिए।
राघोपुर के रुस्तमपुर कच्ची दरगाह से राघोपुर की तरफ जा रही एक नाव गुरुवार को गंगा नदी पर बने पीपा पुल के ड्रम से टकरा गई। नाव में 100 से अधिक लोग सवार थे, जिनमें अधिकांश सरकारी शिक्षक शामिल थे।
नाव के टकराने के बाद चीख-पुकार मच गई। हालांकि, कोई हताहत नहीं हुआ। नाव को पीपा पुल के किनारे लगाकर सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। नाव पर सवार लोगों में अधिकतर सरकारी शिक्षक थे, जो स्कूल पहुंचने की जल्दी में थे।
कुछ लोगों ने हिम्मत से काम लेते हुए नाव को पीपा पुल में सटाकर लोगों को सुरक्षित उतारा। दूसरे नाविक आनन-फानन में दूसरी नाव लेकर आए और सभी सवारी को सुरक्षित नदी पार कराया।नाव पर सवार लोगों ने नाविक की लापरवाही का आरोप लगाया कि उसने पैसे वसूलने के चक्कर में नाव का पतवार नए और अप्रशिक्षित व्यक्ति के हाथ में थमा दिया था, जिससे यह हादसा हुआ।
शिक्षकों की मांग और सुझाव
शिक्षक उमेश कुमार ने बताया कि राघोपुर में आए दिन छोटी-बड़ी घटनाएं घटती रहती हैं।उन्होंने जिला प्रशासन से सरकारी शिक्षकों के लिए अलग से नाव की व्यवस्था करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकारी शिक्षक को समय से स्कूल पहुंचना होता है, इसके लिए सभी घाटों पर नाव की व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि वे समय से विद्यालय पहुंचकर विद्यालय का संचालन कर सकें।
यह घटना नाविक सेवाओं और पुलों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े करती है। प्रशासन को त्वरित और प्रभावी कदम उठाकर इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए उचित उपाय करने चाहिए। शिक्षकों के लिए सुरक्षित और समयबद्ध यातायात व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए ताकि वे बिना किसी जोखिम के अपने गंतव्य तक पहुंच सकें।