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नए क़ानून को समझे आसान भाषा में, पहले क्या था अब क्या हों गया |

आज 1 जुलाई से देशभर में तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनयम लागू हो गए।

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भारतीय न्याय संहिता 2023 BNS 356 धाराए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 BNSS-533 धाराए भारतीय साक्ष्य संहिता 2023 BSA-170 धाराए

पुलिस राज पुलिस होगी प्रभावशाली
90 दिन में चार्जशीट 90 दिन की पुलिस रिमांड 1100 दिन में सजा कुछ छोटे अपराध में सामाजिक सार्वजनिक सेवा का सजा के रुप में प्रावधान धारा 150 पुलिस राज जबरदस्त धारा अघोषित आपातकाल से भी अधिक खतरनाक है| 

 

नया कानून राजद्रोह के

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को पूरी तरह से निरस्त करता है। हालांकि, इसमें राज्य के विरुद्ध अपराध का प्रावधान है। इसकी धारा 150 भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्यों से सबंधित है। भारत की संप्रभुता या अखंडता को खतरे में डालने वाले किसी भी व्यक्ति को अधिकतम आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।

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वहीं, मॉब लिंचिंग और नाबालिग से दुष्कर्म में शामिल लोगों को अधिकतम मौत की सजा दी जा सकती है। हत्या के जुर्म के लिए सजा-ए-मौत या आजीवन कारावास की सजा होगी। दुष्कर्म में शामिल लोगों को कम से कम 10 साल की जेल या आजीवन कारावास की सजा होगी और सामूहिक दुष्कर्म के लिए कम से कम 20 साल की कैद या उस व्यक्ति के शेष जीवन के लिए कारावास की सजा होगी।

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बिल के अनुसार, यदि किसी महिला की बलात्कार के बाद मृत्यु हो जाती है या इसके कारण महिला लगातार बेहोश रहती है, तो दोषी को कठोर कारावास की सजा दी जाएगी, जिसकी अवधि 20 वर्ष से कम नहीं होगी, लेकिन जिसे आजीवन कारावास के लिए बढ़ाया जा सकता है।

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      बिल के अन्य खास प्रावधान

नागरिक किसी भी पुलिस स्टेशन में जीरो एफआईआर दर्ज करा सकेंगे, चाहे उनका अधिकार क्षेत्र कुछ भी हो।

जीरो एफआईआर को क्षेत्राधिकार वाले पुलिस स्टेशन को अपराध पंजीकरण के बाद 15 दिनों के भीतर भेजा जाना अनिवार्य होगा।

जिरह अपील सहित पूरी सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से की जाएगी।

यौन अपराधों के पीड़ितों के बयान दर्ज करते समय वीडियोग्राफी अनिवार्य होगी।

सभी प्रकार के सामूहिक बलात्कार के लिए सजा 20 साल या आजीवन कारावास।

नाबालिग से बलात्कार की सजा में मौत की सजा शामिल है।

एफआईआर के 90 दिनों के भीतर अनिवार्य रूप से चार्जशीट दाखिल की जाएगी। न्यायालय ऐसे समय को 90 दिनों के लिए और बढ़ा सकता है, जिससे जांच को समाप्त करने की कुल अधिकतम अवधि 180 दिन हो जाएगी। आरोप पत्र प्राप्त होने के 60 दिन के भीतर अदालतों को आरोप तय करने का काम पूरा करना होगा।

 

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सुनवाई के समापन के बाद 30 दिन के भीतर अनिवार्य रूप से फैसला सुनाया जाएगा।

फैसला सुनाए जाने के सात दिन के भीतर अनिवार्य रूप से ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाएगा।

तलाशी और जब्ती के दौरान वीडियोग्राफी अनिवार्य होगी।

सात साल से अधिक की सजा वाले अपराधों के लिए फोरेंसिक टीमों को अनिवार्य रूप से अपराध स्थलों का दौरा करना होगा।

जिला स्तर पर मोबाइल एफएसएल की तैनाती होगी। सात साल या उससे अधिक की सजा वाला कोई भी मामला पीड़ित को सुनवाई का अवसर दिए बिना वापस नहीं लिया जाएगा।

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संगठित अपराधों के लिए अलग, कठोर सजा।शादी, नौकरी आदि के झूठे बहाने के तहत महिला के बलात्कार को दंडित करने वाले अलग प्रावधान।

चेन / मोबाइल स्नैचिंग और इसी तरह की शरारती गतिविधियों के लिए अलग प्रावधान। बच्चों के खिलाफ अपराध के लिए सजा को सात साल से बढ़ाकर 10 साल की जेल की अवधि तक।

मृत्युदंड की सजा को कम करके अधिकतम आजीवन कारावास में बदला जा सकता है, आजीवन कारावास की सजा को कम करके अधिकतम सात साल के कारावास में बदला जा सकता है और सात साल की सजा को तीन साल के कारावास में बदला जा सकता है और इससे कम नहीं।

किसी भी अपराध में शामिल होने के लिए जब्त किए गए वाहनों की वीडियोग्राफी अनिवार्य होगी।

 पहले यह था, अब यह हों गया 

1. 302 IPC = 103 BNS (हत्या)
2. 304(A) IPC = 106 BNS (लापरवाही से मौत)
3. 304(B) IPC = 80 BNS (दहेज के लिए हत्या)
4. 306 IPC = 108 BNS (आत्महत्या का दुष्प्रेरण)
5. 307 IPC = 109 BNS (हत्या का प्रयास)
6. 309 IPC = 226 BNS (आत्महत्या करने का प्रयत्न)

7. 286 IPC = 287 BNS (विस्फोटक पदार्थ के बारे में उपेक्षापूर्ण आचरण)
8. 294 IPC = 296 BNS (अश्लील कार्य और गाने)
9. 509 IPC = 79 BNS (शब्द, अंगविक्षेप या कार्य जो किसी स्त्री की लज्जा का अनादर करने के लिए आशयित है)
10. 323 IPC = 115 BNS (स्वेच्छया उपहति कारित करने के लिए दण्ड)
11. R/W 34 IPC = 3(5) BNS (सामान्य आशय को अग्रसर करने में कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य)
12. R/W 149 = R/W 190 BNS
(विधिविरुद्ध जमाव का हर सदस्य, सामान्य उद्देश्य को अग्रसर करने में किए गए अपराध का दोषी)

13. 324 IPC = 118(1) BNS (खतरनाक आयुधों या साधनों द्वारा स्वेच्छया उपहति कारित करना)
14. 325 IPC = 118(2) BNS (स्वेच्छया घोर उपहति कारित करने के लिए दण्ड)
15. 326 IPC = 118(3) BNS (खतरनाक आयुधों या साधनों द्वारा स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना)
16. 336 IPC = 125 BNS (कार्य जिससे दूसरों का जीवन या वैयक्तिक क्षेम संकटापन्न हो)
17. 337 IPC = 125 BNS(A) (ऐसे कार्य द्वारा उपहति कारित करना, जिससे दूसरों का जीवन या वैयक्तिक क्षेम संकटापन्न हो जाए)

18. 338 IPC = 125 BNS(B) (ऐसे कार्य द्वारा घोर उपहति कारित करना जिससे दूसरों का जीवन या वैयक्तिक क्षेम संकटापन्न हो जाए)
19. 341 IPC = 126 BNS (सदोष अवरोध के लिए दण्ड)
20. 353 IPC = 121 BNS (लोक सेवक को अपने कर्तव्य के निर्वहन से भयोपरत करने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग)
21. 354 IPC = BNS 74 (महिला की अस्मत लूटने का प्रयास)
22. 354(A) IPC = 75 BNS ( लैंगिक उत्पीड़न और लैंगिक उत्पीड़न के लिए दण्ड)
23. 354(B) IPC = 76 BNS (विवस्त्र करने के आशय से स्त्री पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग)

24. 354(C) IPC = 77 BNS ( महिला की तांक झांक)
25. 354(D) IPC = 78 BNS (महिला का पीछा करना)
26. 363 IPC = 139 BNS (व्यपहरण के लिए दण्ड)
27. 376 IPC = 64 BNS (बलात्संग के लिए दण्ड)
28. 384 IPC = 286 BNS (उद्दापन के लिए दंड)
29. 386 IPC = 288 BNS (किसी व्यक्ति को मॄत्यु या घोर उपहति के भय में डालकर उद्दापन)
(Fine – 5000/-)

30. 390 IPC = 292 BNS ( लूट)
(Fine – Rs 1000/-)
31. 394 IPC = 296 BNS (लूट करने में स्वेच्छया उपहति कारित करना)
420 IPC = BNS 318 (4) (धोखाधड़ी)
33. 447 IPC = 329 (3) BNS (आपराधिक अतिचार के लिए दंड)
34. 448 IPC = 329 (4) BNS (गॄह-अतिचार के लिए दंड)
35. 392 IPC = 309 (4) BNS (लूट )
IPC 393 = 309 (5) BNS (लूट का प्रयास)
IPC 394 = 309 (6) BNS (लूट के दौरान हत्या का प्रयास)
IPC 395 = 310 (2) BNS (डकैती )
IPC 396 = 310 (3) BNS (डकैती के दौरान हत्या)
40. 411 IPC = 317 BNS (चुराई हुई संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना)
41. 420 IPC = 318 BNS (छल करना और संपत्ति परिदत्त करने के लिए बेईमानी से उत्प्रेरित करना)
42. 382 IPC = 304 BNS (चोरी करने के लिए मॄत्यु, उपहति या अवरोध कारित करने की तैयारी के पश्चात् चोरी)
43. 442 IPC = 330 BNS (गॄह-अतिचार)
44. 445 IPC = 330 BNS (रात्रौ प्रच्छन्न गॄह-अतिचार)
45. 447 IPC = 330 BNS (आपराधिक अतिचार के लिए दंड)
46. 448 IPC = 331 BNS (गॄह-अतिचार के लिए दंड)
IPC 465 = 336 (2) BNS (कूटरचना)
IPC 466 = 337 BNS (न्यायालय के अभिलेख की या लोक रजिस्टर आदि की कूटरचना)
IPC 467 = 338 BNS (मूल्यवान प्रतिभूति, विल, इत्यादि की कूटरचना)
IPC 468 = BNS 336 (3) ( छल प्रयोजन से कूट रचना)
IPC 470 = BNS 340 ( 1) (कूट रचित इलेक्ट्रोनिक अभिलेख)
IPC 471 = (340) (2) BNS (कूट रचित दस्तावेज़ का प्रयोग)
53. 494 IPC = 82 BNS (पति या पत्नी के जीवनकाल में पुनः विवाह करना )
54. 498(A) IPC = 85 BNS (विवाहित स्त्री को आपराधिक आशय से फुसलाकर ले जाना, या ले जाना या निरुद्ध रखना)
55. 506 IPC = 351 BNS (आपराधिक अभित्रास के लिए दण्ड)
56. 509 IPC = 79 BNS (शब्द, अंगविक्षेप या कार्य जो किसी स्त्री की लज्जा का अनादर करने के लिए आशयित है)

(petty basic offences)

47. 9(I), 9(II) = 112 BNS (वचन)

 

Advocate
Anand Samrat
Patna high court
 
 

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